आप लोगों पर शर्म आती है; जंग के बीच फ्रांस पर क्यों भड़का इजरायल, हथियारों को लेकर खूब सुनाया…

इजरायल पर हमास के हमले की आज बरसी है। बीते साल 7 अक्टूबर को ही हमास ने अचानक इजरायल पर हमला बोल दिया था, जिसमें 1200 लोग मारे गए थे और 250 को अगवा कर लिया गया था।

एक साल बाद भी यह जंग न सिर्फ जारी है बल्कि इसने विस्तार ले लिया है। अब लेबनान से भी इजरायल जंग लड़ रहा है और वहां सक्रिय उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह पर हमले किए हैं।

ही नहीं हिजबुल्लाह भी रुक-रुककर इजरायल पर मिसाइलों से अटैक कर रहा है। यहां तक कि गाजा को तो इजरायल ने एक साल में मलबे में तब्दील कर दिया है और हमास को बड़ी चोट पहुंचाई है।

इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजरायल को हथियारों की सप्लाई पर रोक लगा दी है। इस पर इजरायल बुरी तरह भड़क गया है और पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने सीधे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो पर ही हमला बोल दिया और उनसे अपना विरोध जताया।

फ्रांस की ओर से कुछ हथियार इजरायल को दिए जाते रहे हैं, लेकिन हाल में उसने अमेरिका से कहा था कि वह नेतन्याहू पर दबाव बनाए कि सीजफायर कर लिया जाए। वहीं इजरायल ने 21 दिनों के सीजफायर के प्लान को खारिज कर दिया है।

यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में भी नेतन्याहू ने इससे इनकार किया है और कहा कि हम हिजबुल्लाह को खत्म करने तक नहीं रुकेंगे।

वहीं बीते शनिवार को मैक्रों ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हमारी प्राथमिकता है कि युद्ध को रोका जाए और राजनीतिक समाधान निकाला जाए।

इसलिए हम गाजा में जंग को रोकने के लिए हथियार सप्लाई बंद करेंगे। उनका यह भी कहना था कि अब लेबनान को दूसरा गाजा नहीं बनने दिया जा सकता।

यही बात मैक्रों के दफ्तर से रविवार को भी कही गई। वहीं बेंजामिन नेतन्याहू उनसे खफा हैं और जवाब देते हुए कहा कि फ्रांस का यह कदम सीधे तौर पर हमारे दुश्मनों को मजबूत करने वाला है।

उन्होंने कहा, ‘इजरायल तो ईरान की बर्बर ताकतों से लड़ रहा है। सभी सभ्य देशों को इजरायल के साथ आना चाहिए। फिर भी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और कुछ अन्य पश्चिमी नेता इजरायल को हथियार सप्लाई रोकने की बात कर रहे हैं। इन लोगों पर शर्म आती है।’

दरअसल मैक्रों ने यह भी कहा था कि वह एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस बुलाना चाहते हैं, जिसमें लेबनान को मदद करने पर बात की जाएगी।

वहीं इजरायल का कहना है कि हमारी लेबनान से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन हिजबुल्लाह को खत्म करना हमारा लक्ष्य है।

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