बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बुधवार को कम से कम तीन और मुकदमे दायर किए गए।
इनमें, अपदस्थ प्रधानमंत्री पर देश में आरक्षण विरोधी हालिया प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार का आरोप लगाया गया है।
‘द डेली स्टार’ अखबार की खबर के मुताबिक, दो वकीलों ने उन तीन विद्यार्थियों के अभिभावकों की ओर से तीन अलग-अलग शिकायतें दायर कीं, जो सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए थे।
यह विरोध प्रदर्शन बाद में एक बड़े विद्रोह में बदल गया, जिसके कारण पांच अगस्त को हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
उच्चतम न्यायालय के वकील हुज्जतुल इस्लाम खान ने फोइसल अहमद शांता के पिता की ओर से शिकायत दायर की।
शांता की 16 जुलाई को चटगांव के पंचलाइश पुलिस थाना के अंतर्गत मुरादपुर इलाके में आरोपियों के निर्देश पर हत्या कर दी गई थी। शिकायत में 76 वर्षीय हसीना और अवामी लीग के नेताओं और मंत्रियों सहित 76 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है।
बांग्लादेश की शीर्ष अदालत के एक अन्य वकील असदुज्जमां ने शेख शहरियार बिन मतीन के पिता की ओर से शिकायत दायर की।
मतीन को 18 जुलाई को मीरपुर में पुलिस ने गोली मार दी थी और दो दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। शिकायत में हसीना के अलावा, अवामी लीग के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत पार्टियों के शीर्ष नेताओं, पूर्व मंत्रियों, पुलिस सदस्यों और अन्य सहित 49 अन्य को नामजद किया गया है।
असदुज्जमां ने इनके अलावा, अवामी लीग और उसके अग्रणी संगठनों के लगभग 500 अज्ञात नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी आरोपी बनाया है।
खबर के अनुसार, असदुज्जमां ने ही मगुरा के श्रीपुर उपजिला के एक व्यापारी आसिफ इकबाल के पिता की ओर से एक और शिकायत दायर की। इकबाल की 19 जुलाई को राजधानी के मीरपुर-10 चौराहे पर ‘पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी थी’।
इन तीन मुकदमों के साथ 76 वर्षीय हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में दर्ज मामलों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।
अपदस्थ प्रधानमंत्री हिंसक प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को देश छोड़कर भारत चली गई थीं। खबर के मुताबिक, सात मामलों में से छह मामले हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हत्याओं से जुड़े हैं जबकि एक मामला पांच मई, 2013 को मोतीझील शापला छत्तर में हिफाजत-ए-इस्लाम की रैली से संबंधित है।
हसीना के खिलाफ बुधवार को कम से कम नौ और शिकायतें दायर की गईं, जिनमें से आठ हत्या की हैं। अखबार के मुताबिक, ढाका के रामपुरा, तेजगांव, मीरपुर और बड्डा इलाकों, नारायणगंज और गाजीपुर जिलों में हाल ही में हुई अशांति के दौरान लोगों की मौत को लेकर हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं।
खबर के मुताबिक, ढाका के बड्डा इलाके में 19 जुलाई को सुमन सिकदर और अब्दुल जब्बार की हत्या के सिलसिले में हसीना और 189 अन्य के खिलाफ हत्या के दो मामले दायर किये गए।
वहीं, रामपुरा में 19 जुलाई को हाल ही में हुए आरक्षण विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘इंडी-रील्स प्रोडक्शन’ के मॉडल समन्वयक रसेल मिया की मौत के सिलसिले में हसीना और 27 अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दायर किया गया। तेजगांव में, हसीना सहित 48 लोगों के खिलाफ कोबी नजरूल सरकारी कॉलेज के छात्र मोहम्मद तहीदुल इस्लाम की चार अगस्त को विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौत के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया।
मीरपुर में, हसीना के साथ-साथ पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक और तीन अन्य पर रंगपुर केमिकल लिमिटेड के कार्यालय सहायक फिरोज तालुकदार की हत्या के लिए मुकदमा दायर किया गया, जिन्हें 19 जुलाई को आरक्षण विरोधी आंदोलन दौरान हुई झड़पों के दौरान हेलीकॉप्टर से गोली मार दी गई थी।
जातीयतावादी छात्र दल की सिलहट शहर इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष जुबेर अहमद ने सिलहट मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमन भुइया की अदालत में मामला दर्ज कराया। हसीना की बहन शेख रेहाना को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
‘द डेली स्टार’ अखबार ने मामले के विवरण के हवाले यह खबर दी कि आरोपियों ने चार अगस्त को सिलहट शहर के बंदरबाजार क्षेत्र में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी)और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा आयोजित एक शांतिपूर्ण रैली पर हमला किया, जिसमें कई लोगों को गोली लगी और वे घायल हो गए।
खबर के मुताबिक, अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन मंत्री अब्दुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद, पूर्व कानून मंत्री अनीसुर रहमान और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार सलमान एफ रहमान सहित अन्य लोगों को भी नामजद किया गया है।
अखबार के मुताबिक, इस मामले के साथ ही हसीना पर अबतक दायर मुकदमों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। बांग्लादेश में हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को हटाकर अंतरिम सरकार बनाई गई है और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को इसका मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हाल ही में हुए छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाएगी।
हसीना सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोग मारे गए, जिससे सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ जुलाई के मध्य में छात्रों द्वारा शुरू किए गए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 600 से अधिक हो गई है।