कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने देश की अब तक की सबसे बड़ी एफपीओ (FPO) के तहत 18,000 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों से पता चला कि एफपीओ के अंतिम दिन सोमवार को इसे लगभग सात गुना अभिदान मिला है। इसके पीछे संस्थागत निवेशकों से मिले समर्थन की अहम भूमिका रही है। कंपनी के शेयर आज 12.90 रुपये पर बंद हुए हैं।
क्या है डिटेल?
पेशकश के अंत में कुल 8,011.29 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां लगाई गईं जो निर्गम आकार का 6.99 गुना है। संख्या के लिहाज से यह अब तक का सबसे अधिक अभिदान है।
वोडाफोन आइडिया को एफपीओ के तहत कुल 88,124 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं, लेकिन एफपीओ पेशकश के अनुरूप कंपनी 12,600 करोड़ रुपये ही अपने पास रखेगी।
कंपनी ने एफपीओ खुलने के पहले 490 करोड़ शेयर बेचकर एंकर निवेशकों से 5,400 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसने लक्षित 18,000 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं।
पात्र संस्थागत खरीदारों के खंड को 19.31 गुना अभिदान मिला जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के खंड को 4.54 गुना अभिदान मिला। हालांकि खुदरा निवेशकों ने पेश किए गए शेयरों की संख्या से थोड़ी ही अधिक बोली लगाई।
एफपीओ के तहत 10-11 रुपये प्रति शेयर के मूल्य दायरे में पेशकश की गई थी। यह शेयरों के मौजूदा बाजार भाव से कम है।
इस निर्गम में पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) और एचएनआई खंड में अब तक की सबसे अधिक खरीद हुई। पहली बार 6,300 करोड़ रुपये के बड़े खुदरा हिस्से को भी पूर्ण अभिदान मिला।
25 अप्रैल को लिस्टिंग
एफपीओ शेयरों को 25 अप्रैल को बाजार में लिस्ट करने का टारगेट है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का यह एफपीओ अब तक का सबसे बड़ा है। इससे पहले, भारतीय बाजार में सबसे बड़ा एफपीओ वर्ष 2020 में यस बैंक का 15,000 करोड़ रुपये का था।
इस एफपीओ से जुटाई गई राशि से वोडाफोन आइडिया को दूरसंचार बाजार में अपनी स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी।
यह धनराशि कंपनी को 5जी सेवाओं की पेशकश करने और 4जी सेवाओं का नेटवर्क मजबूत करने में मदद करेगी। इसके अलावा बकाया कर्ज के भुगतान के लिए वित्त जुटाने में भी मदद मिलेगी।