हमास को मिल गया बड़े इस्लामिक देश का साथ, इजरायल पर लगा दिया 54 चीजों का बैन…

गाजा में चल रहे हमास से युद्ध के बीच इजरायल के खिलाफ तुर्की ने बड़ा फैसला किया है।

तुर्की ने कहा है कि जब तक गाजा में सीजफायर की घोषणा नहीं होती और पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री को गाजा में नहीं पहुंचने दिया जाता, तब तक 54 चीजों की सप्लाई इजरायल को नहीं की जाएगी।

दरअसल इजरायल ने तुर्की को गाजा में राहत सामग्री ड्रॉप करने से रोका था। इसके बाद ही तुर्की ने सख्त फैसला लिया है। 

तुर्की के व्यापार विभाग ने कहा है कि अब 54 कैटिगरी के सामान इजरायल नहीं भेजे जाएंगे। इनमें लोहे और स्टील के प्रोडक्ट के साथ जेट फ्यूल, कंस्ट्रक्शन इंस्ट्रूमेंट, मशीनें, सीमेंट, ग्रेनाइट्स, केमिकल्स, पेस्टीसाइड और ईंटें शामिल हैं।

तुर्की ने कहा, इजरयाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नजरअंदाज करते हुए कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।

जब तक इजरायल गाजा में सीजफायर का ऐलान नहीं कर देता और वहां के लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने के रास्ते नहीं खोल देता, ये प्रतिबंध लागू रहेंगे। 

बता दें कि इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को 6 महीने से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकिकारियों के मुताबिक इस युद्ध में अब तक 33000 लोगों की जान जा चुकी है।

कई बार ऐसा भी हुआ है कि राहत सामग्री गिराने के दौरान ही इजरायल ने हमला कर दिया और लोगों की जान चली गई। बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजारयल में हमला करके कम से कम 1200 लोगों का मार दिया था।

इसके बाद इजरायल गाजा में तबाही मचा रहा है। कई बार दूसरे देशों की मध्यस्थता और बातचीत के बाद भी सीजफायर पर कोई फैसला नहीं हो सका है। 

तुर्की के फैसले पर भड़का इजरायल
इजरायल ने तुर्की के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक बार फिर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन हमास के हत्यारों की मदद करने के लिए अपने ही देश के लोगों के आर्थिक हितों से समझौता कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इजरायल भी ऐसे कदम उठाएगा जिससे कि तुर्की की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। इजरायल ने कहा कि वह भी तुर्की पर इंपोर्ट बैन लगा देगा और अमेरिका से भी सैंक्शन लगाने को कहेगा। 

बता दें कि इजरयाल ने गाजा में तुर्की के कार्गो प्लेन से राहत सामग्री गिराने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद ही तुर्की ने कहा कि वह अब एक-एक करके इजरायल के खिलाफ फैसले लेगा।

इस युद्ध के शुरू होने के बाद ही इजरायल और तुर्की ने अपने-अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था। इसके अलावा गाजा के मामले में एर्दोगन बार-बार इजरायल की आलोचना करते रहे हैं। हालांकि मंगलवार तक तुर्की ने किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया था। 

इजरायल के साथ व्यापारिक रिश्तों को लेकर तुर्की की सरकार की उसके देश में भी आलोचना होती रही है। मार्च के आखिरी में हुए स्थानीय चुनावों में सत्ताधारी दल को इसका नुकसान भी उठाना पड़ा।

चुनाव के बाद राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा था, दुर्भाग्यपूर्ण है कि गाजा में चल रहे हमलों का भी खामियाजा हमें भुगतना पड़ा जबकि हमें जो करना चाहिए था, हमने सबकुछ किया। लेकिन कुछ लोगों को समझाना बहुत कठिन काम है। 

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