सोने-चांदी की कीमतें बेकाबू हैं। सर्राफा बाजारों में सोमवार को 24 कैरेट सोने का औसत भाव 71279 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
यह इसका ऑल टाइम हाई है। जबकि, चांदी भी 81496 रुपये प्रति किलो के नए शिखर पर पहुंच गई। महज एक महीने में ही सोना 6230 रुपये महंगा हो गया।
जबकि, डेढ़ महीने में 9000 चढ़ा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोना 75 हजार तक पहुंचने के बाद इसमें करेक्शन होगा।
3 साल में 26360 रुपये बढ़ गया सोने का भाव
एक अप्रैल 2021 को सर्राफा मार्केट में 24 कैरेट सोने का भाव 44919 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेट पर बंद हुआ था। सोमवार 8 अप्रैल 2024 आते-आते सोना 71279 रुपये के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया।
तीन साल से कुछ एक दिन ऊपर में ही सोना 26360 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हो गया। दूसरी तरफ चांदी की बत करें तो इन तीन सालों में चांदी 63737 रुपये प्रति किलो से 17759 रुपये उछलकर 81496 रुपये पर पहुंच गई।
डेढ़ महीने में ही सोना 9271 रुपये उछला
23 फरवरी 2024 को सोना 62008 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था। आईबीजेए द्वारा जारी रेट के मुताबिक सोमवार को सोना 71279 रुपये पर बंद हुआ।
महज डेढ़ महीने में ही सोना 9271 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हो गया है। जबकि, चांदी 11843 रुपये प्रति किलो उछली। 23 फरवरी को चांदी के रेट प्रति किलो 69653 रुपये थे।
सोने-चांदी के ये रेट इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी किए गए हैं। इस रेट पर जीएसटी और ज्वेलरी मेकिंग चार्ज नहीं लगा है। हो सकता है आपके शहर में सोना-चांदी 1000 से 2000 रुपये महंगा मिल रहा हो।
क्यों उछल रहे सोना-चांदी
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: डब्ल्यूजीसी के लेटेस्ट डेटा से पता चला है कि चीनी केंद्रीय बैंक ने विदेशी परिसंपत्तियों की अपनी हिस्सेदारी में विविधता लाने के लिए लगातार 16 महीनों तक सोना खरीदा है।
दूसरी ओर जनवरी में आरबीआई ने 8,700 किलोग्राम सोना खरीदा – लगभग 18 महीनों में इसकी सबसे बड़ी मासिक खरीद है।
भू-राजनीतिक तनाव: विश्लेषकों का कहना है कि पश्चिम एशिया में हालिया भू-राजनीतिक तनाव भी कीमती धातुओं की कीमतों में इजफे का एक कारण रहा है। सोनाअनिश्चित आर्थिक स्थितियों से बचाव का साधन है। इसे सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है।
डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया: विश्लेषकों का कहना है कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का एक अन्य कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की हालिया कमजोरी भी है।
पिछले सप्ताह रुपया 83.45 प्रति डॉलर के स्तर को छू गया। चूंकि भारत भारी अंतर से सोने का शुद्ध आयातक है, इसलिए रुपये की किसी भी कमजोरी से घरेलू बाजार में सोने की कीमत बढ़ जाती है।
क्यों बढ़ रही चांदी की चमक
चांदी की बात करें तो फरवरी में भारत का चांदी आयात 260% बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट अजय केडिया ने बताया कि भारत, दुनिया का सबसे बड़ा चांदी उपभोक्ता, वैश्विक कीमतों को तीन साल में उच्चतम स्तर तक पहुंचने में मदद कर सकता है।
2024 के पहले दो महीनों में चांदी का आयात बढ़कर 2,932 टन हो गया। यूएई से कम शुल्क से और बड़ी खरीदारी को बढ़ावा मिला। इस साल आयात 66% बढ़ने की उम्मीद है।