सभी के साथ जंगल में रहने वालों की भी चिंता जरूरी: मुख्यमंत्री बघेल।
भारत सरकार के विशेष सचिव ने छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ करते हुए कहा ‘अन्य राज्यों से बेहतर कार्य छत्तीसगढ़ में हुआ‘ ।
मुख्यमंत्री ने मृदा एवं जल संरक्षण विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय परामर्शी कार्यशाला का किया शुभारंभ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार शाम रायपुर में मृदा एवं जल संरक्षण विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय परामर्शी कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है लेकिन सभी के साथ जंगल में रहने वालीे लोगों की चिंता भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भू-जल स्तर पर्याप्त होना चाहिए। हमारी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में नरवा योजना के अंतर्गत जल संरक्षण और जल संवर्धन के लिए वनांचल में 1 करोड़ 19 लाख संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
उन्होंने बताया कि भ्रमण के दौरान वे जहां भी गए सभी से इस योजना के संबंध में जानकारी ली, तो सभी का एक ही जवाब मिला नरवा योजना अच्छी है।
हर जगह आदिवासियों ने नरवा योजना को सराहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गांव के लोग और वनसंरक्षकों की दोस्ती हो गई है। आदिवासी और वनांचल में रहने वाले लोग वन विभाग को अपना दुश्मन नहीं मानते।
वन विभाग के अधिकारी जंगल जाते है तो लगता है, हमारे लिए कोई नई योजना आयी है, छत्तीसगढ़ में यह परिवर्तन आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगल में ऐसे वृक्ष लगाएं जो वनांचल में रहने वालों के लिए लाभदायक हो। जंगल में फल देने वाले वृक्ष जरूर लगाने चाहिए। इसके साथ ही इनकी बिक्री की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
वन विभाग सिर्फ जंगल का अभिभावक नहीं बल्कि वहां रहने वाले लोगों का भी अभिभावक है। ऐसे आपसी संबंध विकसित करने में हम सफल रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फलदार वृक्षों को बढ़ावा देने से आमदनी बढ़ेगी, हरियाली रहेगी और जंगल भी बचे रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय ऑक्सीजन के महत्व का पता चला। छत्तीसगढ़ से देश के कई इलाको में ऑक्सीजन पहुंचायी गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 67 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी हो रही है। जिससे लघु वनोपज संग्राहकों को लाभ अर्जित हो रहा है।
भारत सरकार में वन एवं पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव एवं महानिदेशक चन्द्रप्रकाश गोयल ने मृदा एवं जल संरक्षण विषय पर आयोजित कार्यशाला में छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में भूमि एवं जल संरक्षण में बेहतर कार्य हो रहा है।
कार्यशाला में देश भर के वानिकी विशेषज्ञ शामिल हुए और छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित एवं सवंर्धित करने पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव शिशुपाल सिंह सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव एवं महानिदेशक हैं चंद्र प्रकाश गोयल, राष्ट्रीय कैम्पा के सीईओ सुभाष सिंह, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, पीसीसीएफ वी. श्रीनिवास राव, सहित देश भर से आए वानिकी विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।