कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार का असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर पड़ता नजर नहीं आ रहा है।
हाल ही में हुए सर्वे के आंकड़े इसका सबूत दे रहे हैं। वहीं, पीएम के तौर पर भी उनकी वापसी की इच्छा जताई जा रही है। सर्वे के अनुसार, भाषण देने की कला पीएम मोदी की सबसे बड़ी ताकत बनकर सामने आ रही है।
लोकनीति-सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) और एनडीटीवी के एक सर्वे में 19 राज्यों को शामिल किया गया था, जहां 11 दिनों तक जनता की राय जानी गई।
सर्वे में शामिल हुए 25 फीसदी उत्तरदाता पीएम मोदी के बात करने की कला से प्रभावित नजर आ रहे हैं। वहीं, 20 प्रतिशत का मानना है कि वह विकास आधारित प्रधानमंत्री हैं।
सर्वे का हिस्सा बने 13 प्रतिशत लोग पीएम मोदी को मेहनती मान रहे हैं। वहीं, 13 फीसदी ही उनके व्यक्तित्व से प्रभावित हैं। 11 फीसदी लोग उनकी नीतियों की तारीफ कर रहे हैं।
सरकार का प्रदर्शन
आंकड़े बताते हैं कि अलग-अलग मोर्चों पर 55 फीसदी से ज्यादा उत्तरदाता सरकार के काम से खुश हैं। वहीं, 17 प्रतिशत पूरी तरह संतुष्ट हैं।
असंतुष्ट उत्तरादाताओं की संख्या 21 फीसदी रही। खास बात है कि पीएम पद की रेस में भी जनता की पहली पसंद नरेंद्र मोदी बने हुए हैं। इसके बाद राहुल गांधी को रखा जा रहा है।
मोदी के मुकाबले कौन
सर्वे में एक सवाल यह भी उठा कि लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम मोदी के सामने कौन सा राजनेता चुनौती पेश कर सकता है।
इसके जवाब में 34 फीसदी उत्तरादाताओं ने राहुल गांधी का नाम लिया। जबकि, 11 फीसदी आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में नजर आए।
5 फीसदी ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और 4 प्रतिशत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिया। खास बात है कि 9 फीसदी लोगों का मानना है कि कोई भी चुनौती नहीं दे सकता।