देश और प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर दिए जरुरी निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलर्ट रहते हुए कोरोना की जांच, इलाज, इससे बचाव और नियंत्रण के लिए सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने को कहा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के लक्षण वाले लोगों में इसकी पुष्टि के लिए ज्यादा से ज्यादा जांच आरटीपीसीआर टेस्ट के माध्यम से कराए जाने के साथ ही मेडिकल उपकरणों, ऑक्सीजन किट, वैक्सीन, दवाईयों, कन्जुमेबल्स (Consumables) आदि की समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पिछले एक माह में कोरोना से हुई मौतों की समीक्षा भी की।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सैंपल जांच में तेजी लाते हुए रोजाना दस हजार टेस्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पतालों में जीवनरक्षक उपकरणों के संचालन और कोविड-19 के उपचार से जुड़े मानव संसाधन का प्रशिक्षण भी शुरू करने को कहा।
सिंहदेव ने अस्पतालों में सामान्य बिस्तरों के साथ ही आईसीयू बेड, एचडीयू बेड तथा ऑक्सीजन सुविधा एवं वेंटिलेटर सुविधा वाले बिस्तरों की जानकारी ली। उन्होंने अस्पतालों में सर्जिकल मास्क, पीपीई किट, कैप्स, ग्लोव्स एवं एन-95 मास्क की उपलब्धता के बारे में भी पूछा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कहा कि कोरोना संक्रमित 95 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में ही उपचार से अभी स्वस्थ हो जा रहे हैं।
लेकिन देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे संक्रमण दर को देखते हुए अस्पतालों में भी इसके इलाज और नियंत्रण की तैयारी रखनी होगी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रदेश में रोजाना सैंपलों की जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। विगत 11 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच प्रतिदिन औसत 3763 टेस्ट किए गए हैं, जबकि मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में प्रतिदिन औसत 1008 टेस्ट किए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में विगत एक महीने में (17 मार्च से 17 अप्रैल के बीच) कोविड-19 के 11 मरीजों की मृत्यु हुई है जिनमें से आठ कोमोरबिडिटी पीड़ित थे। इन 11 मरीजों में से चार मरीजों ने कोविड-19 से बचाव का टीका नहीं लगाया था।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के सिविल लाइन स्थित निवास कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त सुश्री नम्रता गांधी, संचालक डॉ. विष्णु दत्त, महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक चन्द्रकांत वर्मा, पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया, डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. एस.बी.एस. नेताम, डॉ. ओ.पी. सुंदरानी और स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई भी मौजूद थे।