जर्मनी के ज्यादातर क्षेत्रों में बुधवार को हजारों पुलिस अधिकारियों ने कथित रूप से सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश करने वाले संदिग्ध चरमपंथियों के खिलाफ छापेमारी की।
अधिकारियों ने बताया कि 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। संघीय अभियोजकों ने बताया कि लगभग 3,000 अधिकारियों ने जर्मनी के 16 राज्यों में से 11 में 130 ठिकानों पर छापेमारी की।
न्याय मंत्री मार्को बुशमैन ने छापेमारी को ‘आतंकवाद विरोधी अभियान’ बताया। उन्होंने कहा कि यह संदेह है कि संदिग्धों ने देश के संस्थानों पर सशस्त्र हमले की साजिश रची थी।
जर्मनी के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि समूह ‘हिंसक तख्तापलट का मंसूबा और षड्यंत्रकारी विचारधाराओं से प्रेरित था।’
समूह के कुछ सदस्यों ने युद्ध के बाद अस्तित्व में आए जर्मनी के संविधान को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और सरकार को सत्ता से बाहर करने का आह्वान भी किया।
अभियोजकों ने बताया कि जर्मनी के 22 नागरिकों को ‘एक आतंकवादी संगठन का सदस्य होने’ के संदेह में हिरासत में लिया गया है।
अन्य तीन लोगों में एक रूसी नागरिक भी शामिल है जिन पर संगठन की मदद करने का संदेह है। पत्रिका ‘डेर स्पिगल’ की खबर के अनुसार, जर्मनी के विशेष बलों की इकाई केएसके के दक्षिण-पश्चिमी शहर काल्व के बैरक की भी तलाशी ली गई।
हालांकि, संघीय अभियोजकों ने न इसकी पुष्टि की और न इससे इनकार किया। अभियोजकों ने कहा कि हिरासत में लिये गये लोगों में से एक व्यक्ति को ऑस्ट्रियाई शहर किट्ज़बेल में और दूसरे को इतालवी शहर पेरुगिया में हिरासत में लिया गया था।
अभियोजकों ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल जर्मनी में मौजूदा व्यवस्था को पलटने के मंसूबे के साथ एक ‘आतंकवादी संगठन’ बनाया था।
अभियोजकों ने कहा कि संदिग्धों को पता था कि उनका उद्देश्य केवल सैन्य साधनों और बल के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, समूह के कुछ सदस्यों ने एक छोटे सशस्त्र समूह के साथ जर्मनी की संघीय संसद पर हमला करने की साजिश रची थी।
खबर है कि जर्मनी के शाही परिवार के सदस्य हेनरिक XIII तख्तापलट के कथित मास्टरमाइंड थे। जर्मनी की पुलिस के अनुसार, षड्यंत्र में हेनरिक XIII को प्रमुख बताया जा रहा था।
वहीं, एक अन्य संदिग्ध रुडिगर को सेना प्रमुख बनाने की कल्पना की गई थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह भी खुलासा हुआ है कि हेनरिक ने रूस में बैठे प्रतिनिधियों से भी संपर्क साधा था।
फिलहाल, जर्मन एजेंसियां रूस के साथ संबंधों की बारीकी से जांच कर रही हैं। हालांकि, रूस ने मामले से दूरी बना ली है।