सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक- छत्तीसगढ़): धमतरी- नगर निगम क्षेत्र में जोन स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 20 अक्टूबर को संपन्न हुआ।
इस आयोजन में तीन वर्गों के प्रतिभागी जिनमें 18 वर्ष तक, 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग व 40 वर्ष के ऊपर के महिला, पुरुष शामिल रहे।
उनके द्वारा स्थानीय खेल बिल्लस, लंगडी दौड़, 100 मीटर दौड़, भंवरा, फुगड़ी, गेडी दौड़, गिल्ली डंडा, संखली, लंबी कूद, रस्साकशी, बांटी, पिटठुल आदि खेलों ने सभी का मन मोह लिया।
गौरतलब है कि प्रथम चरण में 40 वार्ड में खेलो का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रतिभागियों द्वारा अच्छे खेलों का प्रदर्शन देते हुए जोन स्तरीय लेवल में जगह बनाई जिसमे सभी खिलाड़ियों ने इस महाकुंभ में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखते हुए ब्लॉक स्तर पर जगह सुनिश्चित कर ली है।
महापौर विजय देवांगन ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संस्कृति परम्परा को संजोने के लिए तीज त्योहारों के साथ-साथ खेलकूद की ओर भी कदम बढ़ाया है।
विलुप्त होते छत्तीसगढ़ी परंपरागत खेल बिल्लस, पिटठुल, बांटी, भंवरा, संखली, गिल्ली डंडा, फुगड़ी को छत्तीसगढिया ओलंपिक रुप देकर नई पीढ़ी के बच्चों को जोडने की पहल की है।
सभापति अनुराग मसीह ने कहा कि विलुप्त होते जा रहे इन पारंपरिक खेलों को पुनः मजबूत पहचान मिल रही है, आमजन के बीच ये खेल पुनः लोकप्रिय हो रहे।
उन्होने कहा कि प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन के लिए मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं मंत्री मण्डल के सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करता हूॅ, उन्हें धन्यवाद देता हूॅं।