राज्यपाल रमेश बैस ने आज पलामू जिले के पांडु थाना क्षेत्र के मुरुमातु गांव में कुछ समुदाय विशेष के लोगों द्वारा लगभग 50 महादलित परिवारों के घर ध्वस्त कर बेघर करने की खबर पर अपनी चिंता प्रकट की।
उन्होंने इस मामले का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त, पलामू को दो दिनों के अंदर एक विस्तृत जांच प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया.
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को मुस्लिम समुदाय के लोग भीड़ की शक्ल में पांडू थाना क्षेत्र के मुरुमातु के महादलित टोले में पहुंचे, यहां भीड़ ने करीब 50 परिवारों को भगा दिया और उनकी झुग्गी-झोपड़ियों को उजाड़ दिया.
दलित परिवार के ये लोग पिछले 30 वर्षों से इस इलाके में रह रहे थे और पहाड़ के नजदीक मिट्टी काटकर झुग्गी-झोपड़ी बना रखी थी, कुछ लोगों के कच्चे मकान भी थे, जबकि कई लोग पत्तों से बनी झोपड़ियों में रह रहे थे. हालांकि, यह बात भी सामने आ रही है कि दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता हुआ था.
स्थानीय लोगों का कहना है कि दलित परिवार की ये बस्ती स्टेट हाइवे पांडु छतरपुर के बगल में है. ये समुदाय इलाके में भिक्षाटन कर अपना जीवनयापन कर रहा था. महादलित समुदाय का कोई भी व्यक्ति शिक्षित नहीं है.
समुदाय का आरोप है कि ये उनकी जमीन है, इस जमीन पर एक संस्था का धार्मिक कार्य संचालन किया जाना है. पीड़ितों का कहना है कि उनके पास जमीन से संबंधित सर्वे के कागजात भी हैं.
इस मामले में रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा, ‘हिम्मतवाली सरकार में जिहादियों की हिम्मत बढ़ गई है, महादलित परिवारों के घरों को मदरसे की जमीन बताकर तोड़कर बेघर कर दिया और यह गूंगी-बहरी सरकार मौज मस्ती में लगी रही, यह साबित करता है कि सरकार के सरंक्षण में राज्य की डेमोग्राफी बदलने के लिए सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र चल रहा है.’