चीन में बड़े बैंक घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।
ग्रामीण बैंकों में उच्च ब्याज दरों के झूठे वादों के साथ लोगों की जिंदगी भर की जमापूंजी हड़पने के आरोप में पुलिस ने 234 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मामला 580 करोड़ डॉलर यानी 46.3 हजार करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है, हाल ही में बैंकों के बाहर सरकार द्वारा तोपें खड़ी करने की बात भी सामने आई थी।
यह उस वक्त की बात है जब लोग अपने पैसे निकालने के लिए बैंकों के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो रहे थे। बताया जा रहा है इस मामले में अभी और गिरफ्तारी हो सकती है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल चीन के अधिकारियों ने सोमवार को ग्रामीण बैंकों में जमा राशि पर उच्च ब्याज दरों के झूठे वादे के साथ लोगों को 46.3 हजार करोड़ रुपये की चपत लगाई।
ऐसे रची साजिश
सोमवार देर रात सेंट्रल चीन के अधिकारियों ने एक बयान के अनुसार, हेनान प्रांत के शुचांग शहर में पुलिस ने घोटाले से जुड़े 234 संदिग्धों को गिरफ्तार किया और चोरी के पैसे की बरामदगी की।
पुलिस ने कहा है कि लू यिवेई ने साजिश रची और वही इसका मास्टरमाइंड था, उसने हेनान प्रांत के चार ग्रामीण बैंकों को अवैध रूप से संचालित किया और पूरा कंट्रोल ले लिया था।
ये लोग निवेशकों को लालच देते थे कि उन्हें जमा राशि पर सालाना 13 से 18 फीसदी तक ब्याज मिलेगा। निवेशकों को भरोसे में लेकर इन लोगों ने बड़े बैंक घोटाले को अंजाम दिया।
चीन में बैंक घोटाले का मामला दुनिया में तब सुर्खियों में आया था जब हेनान समेत कई प्रांतों में बैंकों के बाहर तोपें खड़ी की गई थी। दरअसल, निवेशक अपनी जमा राशि बैंक से निकालने के लिए जमा हुए थे।
जब उन्हें पैसा नहीं मिला तो भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। जिसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर सरकार को यह कदम उठाना पड़ा था।
बैंकों की ऑनलाइन सेवाएं सस्पेंड
हेनान की इन चारों ग्रामीण बैंकों ने 18 अप्रैल से अपनी ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं को सस्पेंड कर दी थी, इसके बाद लोग ऑनलाइन ट्राजेंक्शन तक नहीं कर पा रहे थे।
सिस्टम अपग्रेड का हवाला देते हुए बैंकों ने ग्राहकों के खातों से निकासी पर रोक लगा दी थी।
चीन की बैंकिंग प्रणाली को तगड़ा झटका
चीन के इस महा घोटाले ने साल 2019 के बाद से देश की $52 ट्रिलियन बैंकिंग प्रणाली को बड़ा झटका दिया, फिर सरकार ने इनर मंगोलिया में एक ऋणदाता का नियंत्रण जब्त कर लिया।