वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अपने पूर्व सहयोगी जयराम रमेश पर निशाना साधा है।
साथ ही आरोप लगाया है कि पार्टी में उनका एकमात्र काम कहानियां गढ़ना (Planting Stories) है, बता दें कि हाल ही में गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ करार देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि आजाद ने पार्टी को धोखा दिया और उनका रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है।
जयराम रमेश ने आजाद पर निशाना साधते हुए यह भी कहा था कि ‘जीएनए’ (गुलाम नबी आजाद) का डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया है।
उन्होंने कहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ऐसे समय पर यह कदम उठाया जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तथा त्यागपत्र में कही गई बातें तथ्यपरक नहीं हैं, इसका समय भी ठीक नहीं है।
वहीं, गुलाम नबी आजाद ने एक खास इंटरव्यू में एनडीटीवी को बताया, “वह (जयराम रमेश) 24×7 कहानियां गढ़ रहे हैं, वह इसी काम के लिए प्रसिद्ध हैं।
उनका काम यही है, गुलाब नबी आजाद ने जयराम रमेश की तंज कसते हुए उन पर केवल ट्वीट करने में माहिर होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि वह लैपटॉप के साथ सोते हैं. एक ऐसे शख्स, जिसका कांग्रेस पार्टी में बायोडाटा कोई नहीं जानता, कोई नहीं जानता कि वह किस राज्य से आते हैं, किस जिले से हैं।
वह कभी युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, कांग्रेस प्रखंड समिति, जिला समिति, राज्य समिति में कभी नहीं रहे।
वहीं, जयराम रमेश ने उन पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया था कि , ‘‘आज़ाद वर्षों तक जिस पार्टी में रहे, जहां उन्हें सब कुछ मिला, उन्हें उसी पार्टी को बदनाम करने का काम सौंपा गया है, यह उनके स्तर को और गिरा रहा है।
”उन्होंने आजाद पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘‘आखिर क्यों हर मिनट वह अपने विश्वासघात को सही ठहरा रहे हैं? उन्हें आसानी से बेनकाब किया जा सकता है, लेकिन हम अपना स्तर क्यों गिराएं ?”
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य आज़ाद कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार थे, उन्होंने साल 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व में बड़े सुधारों का आग्रह किया था।
उन्हें इस साल पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, इसके बाद कांग्रेस में कई लोगों ने प्रधानमंत्री और भाजपा से निकटता का उनपर आरोप लगाया था।