नरक निवारण चतुर्दशी आज है, जानें पूजा की विधि, मुहूर्त और इसका महत्व…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

नरक निवारण चतुर्दशी आज:सनातन धर्म में नरक निवारण चतुर्दशी का खास महत्व है।

शिव भक्तों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव का विवाह तय हुआ था। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान के साथ व्रत उपासना कर भोले बाबा को प्रसन्न करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद नरक में नहीं जाना पड़ता है।

इसलिए यह व्रत नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं नरक निवारण चतुर्दशी की व्रत व पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व और व्रत पारण विधि-

व्रत व पूजा की विधि:नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत सूर्योदय से शुरू होता। सूर्यास्त होने पर व्रत का पारण किया जाता है।

सूर्योदय से पूर्व स्नान करें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें। अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें।

भगवान शिव का अभिषेक करें। चंदन, पुष्प, धूप, बेलपत्र, पंचामृत, धतूरा, कच्चा दूध, फल आदि अर्पित करें। शिव जी की आरती करें। भोग लगाएं। क्षमा प्रार्थना करें।

फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें।

शिव चालीसा का पाठ करें। श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें। व्रत पारण करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।

कैसे करें व्रत पारण:सूर्यास्त के समय पूजा करने के बाद व्रत संकल्प पूरा करें। व्रत का पारण बेर, तिल और सेम खाकर किया जाता है।

व्रत का महत्व:धार्मिक मान्यतों के अनुसार, नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत करने से मृत्यु के बाद नरक नहीं जाना पड़ता।

इस दिन शिव जी का विवाह तय हुआ था। ऐसा कहा जाता है इस दिन शिव जी की आराधना व व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।

शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कई लोग इस दिन रुद्राभिषेक व विशेष पूजा भी करते हैं।

मुहूर्त:पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि का आरम्भ जनवरी 27 को रात 08:34 बजे होगी, जिसका समापन जनवरी 28 को शाम 07:35 तक होगा।

इस दिन अभिजित मुहूर्त 12:13 पी एम से 12:56 पी एम तक, गोधूलि मुहूर्त 05:55 पी एम से 06:21 पी एम बजे तक है।

चौघड़िया मुहूर्त

  • चर – सामान्य 09:53 से 11:13
  • लाभ – उन्नति 11:13 से 12:34
  • अमृत – सर्वोत्तम 12:34 से 13:55
  • शुभ – उत्तम 15:16 से 16:36
  • लाभ – उन्नति 19:36 से 21:16 काल रात्रि
  • शुभ – उत्तम 22:55 से 00:34, जनवरी 29
  • अमृत – सर्वोत्तम 00:34 से 02:13, जनवरी 29
  • चर – सामान्य 02:13 से 03:52, जनवरी 29

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

प्रियंका प्रसाद (केवल व्हाट्सएप) 94064 20131

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap