प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि 3 नवंबर दिन रविवार को भ्रातृ द्वितीया भैया दूज का पावन पर्व मनाया जाएगा।
इसी दिन चित्रगुप्त भगवान की पूजा, कलम दवात की पूजा भी किया जाता है।
परंपरा अनुसार इस दिन भाइयों को अपनी बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए तथा द्रव्य वस्त्र आदि कुछ उपहार प्रदान करके बहनों को सम्मानित करना चाहिए।
इससे भाइयों के आयु एवं यश कीर्ति में वृद्धि होती है। कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक करती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है।
कब है भाई दूज तिलक का समय
इस साल भाई दूज की तारीख को लेकर कंफ्यूजन नहीं है। दिवाली अमावस्या की तिथि रो लेकर कंफ्यूजन था। लेकिन भाई दूज पर 3 नवंबर 2024 को ही मनेगा।
इस दिन तिथि सुरू होने के बाद अच्छा मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक मिलेगा। तिलक के लिए इस दिन 2 घंटे और 12 मिनट का शुभ मुहूर्त है।
क्यों मनाया जाता है पर्व
इस पर्व को मनाने के पीछे पौराणिक कथाएं। एक दिन जब बहन यमुना ने भाई यमराज को गोलोक में भोजन के लिए बुलाया तो बहन के घर जाने से पहले यम ने नरक के निवासियों को मुक्त कर दिया था।
इसलिए भाई दूज का पर्व मनाया जाता है, इसके अलावाएक कथा भगवान कृष्ण से जुड़ी है, जिसमें भगवान कृष्ण राक्षस नरकासुर का हराने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गये थे, तभी से इस दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।
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