इजराइली सांसदों ने सोमवार को एक ऐसा कानून पारित किया है जो संयुक्त राष्ट्र की मुख्य एजेंसी पर गाजा के लोगों को सहायता प्रदान करने पर रोक लगाने वाला है।
इस कानून के जरिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी को इजराइली धरती पर काम करने से रोकने का प्रावधान है।
यह विधेयक फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को इजराइल के अंदर कोई भी गतिविधि करने या कोई भी सेवा प्रदान करने से प्रतिबंधित करता है।
बता दें कि इजरायल पहले भी यूएन की इस एजेंसी पर सवाल खड़े करता रहा है। इजरायल का कहना है कि यूएन की एजेंसी के कार्यकर्ता हमास के आतंकियों के साथ मिले हुए हैं और 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले में भी उनकी भूमिका थी।
इजरायल का आरोप है कि यूएनआरडब्लूए के सैकड़ों सदस्य हमास के आतंकियों के साथ मिले हुए हैं और उनके लिए काम करते हैं।
कुछ दिन पहले ही इजरायल के इस तरह के आरोपों के बाद एजेंसी ने 9 लोगों को निष्कासित भी किया था। वहीं इजरायल के गंभीर आरोंपों के बाद कई देशों ने एजेंसी का फंड भी रोक दिया।
बाद में कुछ देशों ने फंडिंग फिर से शुरू कर दी। इजरायल के एक सांसद ने कहा, यह शरणार्थियों की मदद करने वाली एजेंसी नहीं बल्कि हमास की सहायता करने वाली एजेंसी है।
इजरायली संसद में यह विधेयक 92-10 से पारिरत हो गया। सोमवार को एक अन्य विधेयक पर भी वोट डाले गए। इसमें UNWRA के साथ राजनयिक संबंधों को तोड़ने की बात कही गई थी।
इजरायल ने पहले यह भी कहा था कि गाजा में मानवीय सहायता को रोका नहीं जाएगा। हालांकि ये विधेयक पास होने के बाद कहा नहीं जा सकता है कि इजरायल का आगे का प्लान क्या है।
गाजा में दो करोड़ के आसपास लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं। ऐसे में उन्हें खाना, पानी और दवाओं की सख्त जरूरत रहती है।
यूएनआरडब्लूए लोगों को शिक्षा, स्वास्त्य और मूलभूत जरूरतो को पूरा करने में मदद करता है। जानकारी के मुताबिक इजरायल का यह कानून दो से तीन महीने में लागू किया जा सकता है।
गाजा में अब तक 43 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मरने वाले आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं।
शुक्रवार को भी इजरायल ने कमाल आदवान अस्पताल पर हमला कर दिया। इजरायल का कहना है कि हमास के आतंकी अस्पताल के नीचे सुरंगों में रहते हैं।