प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
इस साल दिवाली के समय को लेकर कंफ्यूजन है।
अधिकतर पंचांग में 31 अक्टूबर की दिवाली बताई गई है, वहीं कुछ लोग 1 नवंबर को भी दिवाली मना रहे हैं।
लेकिन दिवाली के लिए पूजा का मुहूर्त 31 अक्टूबर को शाम को ही मिल रहा है।
इस दिन लक्ष्मी गणेश की कैसे पूजा करनी चाहिए, यहां ज्योतिर्विद से जानें कैसे राशि के अनुसार दिवाली की पूजा करनी चाहिए।
मेष : शुक्र यंत्र अभिमंत्रित कर, चांदी के बर्तन में लाल वस्त्र, कमलगट्टा या स्फटिक, सुगंधित पदार्थ, शहद, रसमलाई से भोग लगाकर पूजा करें।
वृष : बुध यंत्र अभिमंत्रित कर, हरा वस्त्र, कांसे के बर्तन में मरगज, चमेली का तेल, साबुत मूंग या मूंग लड्डू का भोग लगाकर पूजा करें।
मिथुन : चंद्र यंत्र अभिमंत्रित कर, चांदी के बर्तन में श्वेत वस्त्र, सफेद मोती, सफेद पुष्प, चावल, मिश्री का भोग लगाकर पूजन करें।
कर्क : सूर्य यंत्र अभिमंत्रित कर, तांबे के बर्तन में लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल पुष्प, सरसों, नारियल और मूंगफली का भोग लगाएं।
सिंह : बुध यंत्र अभिमंत्रित कर, कांसे के बर्तन में हरा वस्त्र, ओनेक्स, चावल, शक्कर, साबुत मूंग या मूंग लड्डू का भोग लगाएं।
कन्या : शुक्र यंत्र अभिमंत्रित कर, चांदी के बर्तन में सफेद रेशमी वस्त्र, स्फटिक, मिश्री, सुगंधित पदार्थ, श्वेत पुष्प, कलाकंद का भोग लगाकर पूजन करें।
तुला : मंगल यंत्र अभिमंत्रित कर, तांबे के बर्तन में लाल वस्त्र, मूंगा, साबुत मसूर, लाल पुष्प, गुड़ के बने पकवान का भोग लगाएं।
वृश्चिक : गुरु यंत्र अभिमंत्रित कर, स्वर्ण या कांसे के बर्तन में पीला वस्त्र, टोपाज, चना दाल, हल्दी की गांठ, केसरयुक्त मिठाई का भोग लगाकर पूजा करें।
धनु : शनि यंत्र अभिमंत्रित कर, कांसे के बर्तन में नीला वस्त्र, लाजवर्त, साबुत उड़द, तिल, शीशम, सरसों, गुलाब जामुन का भोग लगाकर पूजन करें।
मकर : शनि यंत्र अभिमंत्रित कर, शीशे के बर्तन में नीला-सफेद मिश्रित वस्त्र, जमुनिया, तिल, सरसों, गुड़ या मीठी पूड़ी का भोग लगाकर पूजन करें।
कुंभ : गुरु यंत्र अभिमंत्रित कर, कांसे या पीतल के बर्तन में पीला वस्त्र, पीला हकीक, चना दाल, साबुत धनिया, जौ, हल्दी की गांठ, बेसन की मिठाई का भोग लगाएं।
मीन : मंगल यंत्र अभिमंत्रित कर, तांबे के बर्तन में लाल वस्त्र, लाल हकीक, मसूर, लाल पुष्प, गुड़ का भोग लगाकर पूजन करें।