कमर कसकर तैयार हो जाओ! पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रही है ‘तबाही’, बस कुछ ही घंटे शेष हैं…

पृथ्वी की तरफ लगभग रोजाना ही एस्टेरोइड्स आते रहते हैं।

इन्हें तबाही भी कहा जाता है, क्योंकि अगर गलती से भी टक्कर पृथ्वी से हो जाए तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

इसी वजह से एस्टेरोइड्स पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों की पल-पल की नजर रहती है। इसी तरह सोमवार (28 अक्टूबर) को एक एस्टेरोइड तेज गति से धरती की तरफ बढ़ रहा है।

इसके धरती के सबसे पास पहुंचने में महज अब कुछ ही घंटों का समय बचा हुआ है। हालांकि, वैज्ञानिकों की मानें तो इसके धरती से टकराने की आशंका नहीं है, जोकि दुनियाभर के लोगों के लिए राहत वाली बात है।

जो एस्टेरोइड 28 अक्टूबर को धरती के पास से गुजरने वाला है, उसका नाम 2020 डब्ल्यूजी है।

नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) द्वारा पहली बार पहचाने गए इस एस्टेरोइड्स से धरती की सबसे नजदीकी दूरी लगभग 3.3 मिलियन किलोमीटर होगी।

यानी कि टक्कर होने की आशंका बिल्कुल भी नहीं है। इसके साइज की बात करें तो यह 120 से 270 मीटर चौड़ा होगा, जोकि 70 मंजिल ऊंची बिल्डिंग के बराबर है।

इस एस्टेरोइड की स्पीड 9.43 किलोमीटर प्रति सेकंड होने जा रही है। इस स्पीड से यह तेजी से धरती की ओर बढ़ेगा।

ऐसे में वैज्ञानिकों के पास भी इस एस्टेरोइड के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने के लिए बहुत कम समय ही रहेगा, जिस दौरान वैज्ञानिक ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करना चाहेंगे।

बता दें कि एस्टेरोइड छोटे, चट्टानी पिंड होते हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं। हालांकि, एस्टेरोइड्स ग्रहों की तरह सूर्य की परिक्रमा करते हैं, लेकिन वे ग्रहों की तुलना में बहुत छोटे होते हैं।

सौर मंडल में बहुत सारे एस्टेरोइड्स हैं। उनमें से ज्यादातर मुख्य एस्टेरोइड्स बेल्ट में रहते हैं – मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच।

बता दें कि एस्टेरोइड्स ग्रहों की तरह गोल नहीं होते। वह किसी पत्थर की तरह किसी भी शेप की तरह हो सकते हैं।

कुछ एस्टेरोइड्स का आकार तो सैकड़ों मील डायमीटर का होता है, लेकिन कई और कंकड़ जितने छोटे होते हैं।

अधिकांश एस्टेरोइड्स विभिन्न प्रकार की चट्टानों से बने होते हैं, लेकिन कुछ मिट्टी या धातु जैसे निकल और लोहे से भी बने होते हैं।

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