बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सीधा लिंक मिला है, जिसे क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में पेश किया…

मुंबई पुलिस को एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच सीधा लिंक मिल गया है।

क्राइम ब्रांच ने शनिवार को एस्प्लेनेड मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत को यह जानकारी दी।

इसके मुताबिक, जेल में बंद गैंगस्टर के भाई अनमोल बिश्नोई ने सिद्दीकी के बांद्रा पश्चिम स्थित घर, ऑफिस और उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय की रेकी का काम सौंपा था।

32 वर्षीय सुजीत सुशील सिंह की शुक्रवार को पंजाब से गिरफ्तारी हुई थी। पंजाब पुलिस और मुंबई पुलिस के संयुक्त अभियान में सिंह को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसे मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया।

कोर्ट से सुजीत सिंह की पुलिस हिरासत रिमांड की मांग की गई। पुलिस ने कहा कि वह अनमोल बिश्नोई के संपर्क में था। हत्या में इस्तेमाल हथियारों की खरीद और उन्हें नितिन सप्रे व राम फूलचंद कनौजिया तक पहुंचाने में भी शामिल था।

इसके बाद उन्होंने इसे शूटर्स को सौंप दिए। सप्रे और कनौजिया ने सिद्दीकी और उनके बेटे के घर व कार्यालयों की रेकी की थी।

पुलिस ने शनिवार को इस मामले में अनमोल बिश्नोई, शुभम लोंकर, जीशान अख्तर और शूटर शिवकुमार गौतम को भी वांटेड घोषित कर दिया।

सुजीत सिंह की गिरफ्तारी से खुले कई राज

पुलिस के मुताबिक, सुजीत सिंह ने ही जीशान अख्तर को सप्रे और कनौजिया से मिलवाया था। वहीं, क्राइम ब्रांच ने कल सिंह और 10 अन्य लोगों को अदालत में पेश किया, जिनकी पुलिस रिमांड खत्म हो गई थी।

इसके बाद, कोर्ट ने सिंह को 4 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। गुरमेल बलजीत सिंह, धर्मराज कश्यप और प्रवीण लोंकर को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

बाकी आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ा दी गई। इस बीच, पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि उन्होंने पुणे से वो 5वीं पिस्तौल भी बरामद की है, जिसे गिरफ्तार आरोपी हरीश कुमार निषाद ने छिपाकर रखा था।

बिश्नोई गैंग के खिलाफ पुलिस का ऐक्शन जारी

इससे पहले, दिल्ली पुलिस की स्पेशल यूनिट ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 7 शूटरों गिरफ्तार किया था, जो राजस्थान के एक पूर्व विधायक के रिश्तेदार को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे।

अधिकारियों ने बताया कि एक अलग लेकिन संबंधित घटना में दिल्ली पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गिरोह के एक अन्य सदस्य को गिरफ्तार किया।

उसके कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए। यह गिरफ्तारी बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को मुंबई में सनसनीखेज हत्या के कुछ दिन बाद हुई है। बिश्नोई गिरोह ने इस हत्या की जिम्मेदारी भी ली है।

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