प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है।
इस साल अहोई अष्टमी व्रत 24 अक्टूबर 2024, गुरुवार को है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत संतान के अच्छे भविष्य व खुशहाली के लिए किया जाता है।
कुछ जगहों पर अहोई अष्टमी को अहोई आठे के नाम से जानते हैं। इस व्रत का पारण कुछ स्थानों पर तारों को अर्घ्य देने के बाद व कुछ जगहों पर चंद्र दर्शन के बाद किया जाता है।
अहोई अष्टमी की पूजा में कुछ चीजों को शामिल करना जरूरी होता है, ताकि किसी भी तरह की व्रत में बाधा न आए। जानें अहोई अष्टमी व्रत में किन सामग्रियों की जरूरत पड़ती है-
अहोई अष्टमी सामग्री लिस्ट-
अहोई माता की तस्वीर
श्रृंगार का सामान (सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, महावर, काजल, लाल चुनरी आदि)
जल का कलश
करवा
फूल
गंगाजल
धूपबत्ती
गाय का घी
रोली
दीपक
कलावा
अक्षत
चौक के लिए सूखा आटा
गाय का दूध आदि।
अहोई अष्टमी पूजन के शुभ चौघड़िया मुहूर्त-
शुभ – उत्तम: 06:27 ए एम से 07:51 ए एम
लाभ – उन्नति: 12:04 पी एम से 01:28 पी एम
अमृत – सर्वोत्तम: 01:28 पी एम से 02:53 पी एम
शुभ – उत्तम: 04:17 पी एम से 05:41 पी एम
अमृत – सर्वोत्तम: 05:41 पी एम से 07:17 पी एम
अहोई अष्टमी व्रत से जुड़ी खास बातें- अहोई अष्टमी व्रत के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होती है। इस दिन पूजा में अहोई माता को अर्पित किए गए श्रृंगार के सामान को आप सास को भी दे सकती हैं।
इसके अलावा इस सामान को मंदिर में भी दान किया जा सकता है। अहोई अष्टमी के दिन व्रती महिलाओं को नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन अपशब्दों को नहीं बोलना चाहिए। वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।