PM मोदी के दौरे से पहले रूसी सेना ने 85 भारतीयों को छुट्टी दी, जबकि 20 अन्य की रिहाई का अब भी इंतजार है…

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच रूसी सेना में भर्ती किए गए कुल 85 भारतीय नागरिकों को अब तक छुट्टी मिल गई है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने सोमवार को कहा कि 85 भारतीय नागरिकों अभी तक रूसी सेना से छूट चुके हैं जबकि 20 अन्य की रिहाई के लिए भारतीय अधिकारी लगातार रूसी समकक्षों के साथ काम कर रहे हैं।

मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मिस्त्री ने कहा कि इस मामले में हमारी जानकारी यह है कि 20 भारतीय लोग अभी भी वहां रूसी सेना के साथ हैं।

हम जल्दी ही उनकी रिहाई पर भी काम कर रहे हैं। हालांकि इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि मंगलवार को जब पीएम मोदी ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए रूसी शहर कजान में पहुंचेंगे तो समित के इतर पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच शेष भारतीयों की रिहाई के विषय में भी चर्चा होने की उम्मीद है।

भारतीयों का रूसी सेना में भर्ती किए जाने का मुद्दा तब सुर्खियों में आया था जब यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में अग्रिम पंक्ति पर लड़ते हुए 9 भारतीयों की मौत हो गई थी।

बाद में रूसी सेना में शामिल भारतीय लोगों का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वह सरकार से उन्हें वहां से बाहर निकालने के लिए गुहार लगा रहे थे।

पीएम मोदी ने भी मॉस्कों में भारत रूस के बीच हुए वार्षिक सम्मेलन में इस मुद्दे को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सामने उठाया था, जिसके बाद रूसी सैन्य इकाइयों में सहायक कर्मचारियों, जैसे रसोइयों और सहायकों के रूप में सेवारत भारतीय नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी हो पाई थी।

विदेश सचिव ने कहा कि अभी तक 85 भारतीय रूस से अपने घर वापस आ चुके हैं। दुर्भाग्य से हमें कुछ लोगों के अवशेष भी मिले थे, जिन्होंने इस युद्ध के दौरान अपनी जान गंवाई थी। बाकी के 20 और लोगों की रिहाई के लिए हम रूसी वार्ताकारों के ऊपर लगातार दवाब डाल रहे हैं, हमें उम्मीद है कि वह भी जल्दी ही घर वापस आ जाएंगे।

हिन्दुस्तान टाइम्स ने सितंबर में ही एक रिपोर्ट पब्लिश करते हुए कहा था कि रूसी सेना ने 85 भारतीयों की रिहाई के बाद शेष भारतीयों की रिहाई पर रोक लगा दी थी क्योंकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने उनके सैन्य सेवा अनुबंध रद्द नहीं किए हैं।

इस मामले पर नई दिल्ली में मौजूद रूसी दूतावास ने अगस्त में कहा था कि रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती अप्रैल में रोक दी गई थी।

रूसी अधिकारी जल्दी ही अपनी मर्जी से सेना में काम कर रहे भारतीयों को भी जल्दी ही सेना से मुक्त करने पर काम कर रहे हैं।

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