सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- बहुजन समाज पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष आशीष रात्रे ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि बीते दिनों कुरूद में हुई घटना को लेकर चार वर्षीय बालिका के इलाज के दौरान हुई लापरवाही बहुत बड़ी है जिससे आम जन मानस में अच्छा संदेश नहीं गया है इस भयावह घटना के बावजूद डाक्टरों के व्दारा अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वाहन नहीं किया गया, जो बहुत ही निंदनीय व शर्मनाक है।
जिला अस्पताल में आये दिन जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों के साथ जिला अस्पताल के कुछ डॉक्टरों व उनके स्टाफ का व्यवहार अपमान जनक रहता है जिससे आये दिन आम नागरिकों जनप्रतिनिधियों के साथ डॉक्टरों व उनके स्टाफ से विवाद होते है, जिनकी खबरें आम रहतीं हैं, जो ठीक नहीं है।
बसपा नेता आशीष रात्रे ने शासन से मांग की है कि बिना देर किए लापरवाह डाक्टरों व विवादित डॉक्टरों को जिले से बाहर स्थानांतरित किया जाए। प्रायवेट अस्पतालों को फायदा पहुंचाने का खेल चल रहा है, इस पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
आगे उन्होंने बताया कि ताजा मामले की बात करें तो बीते सोमवार को नेत्र चिकित्सक डॉ खालसा के पास मैं खुद जिला अस्पताल में अपने रिश्तेदार को आंखों के आपरेशन के लिए लेकर गया था जहां पर मरीज की जांच की गई, फिर शुक्रवार को आने का समय डॉ द्वारा दिया गया, इस दौरान बातचीत में डॉ को पता चला कि उक्त मरीज अन्य जिले का निवासी है, तो उसका ईलाज करने से साफ मना कर दिया गया, साथ ही जो करना है कर लो कहकर अस्पताल से भगा दिया।
जबकि धमतरी के जिला अस्पताल में जिले के अलावा अन्य जिलों से भी लोग सभी तरह के इलाज के लिए लगातार पहुंचते हैं, ऐसे में डॉ खालसा द्वारा मरीज के इलाज से सिर्फ इसलिए मना किया जाना कि वह दूसरे जिले का है, ये सरासर मनमानी है, जिसे जिला कलेक्टर ध्यान दें। और ऐसी व्यवस्था बनवाई जाए कि जब आंखों के मरीज ईलाज कराने के लिए अस्पताल आयें तो उनकी जांच के बाद दिन तारीख तय कर निर्धारित दिन तिथि में उनकी आंखों की ऑपरेशन किया जाए। ताकि मरीज व उनके परिजनों को बेवजह भटकना न पड़े, क्योंकि दूर दराज से गरीब मरीज ईलाज के लिए आते हैं जिनके पास अक्सर पैसों की भी कमी रहती है।