सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- 138 साल बाद नगर निगम में कांग्रेस ने कब्जा किया लेकिन आमजनमानस में उनकी अपेक्षा के अनुरूप कार्य न होने के कारण शहर वासियों के बीच असंतोष के साथ ही आक्रोश व्याप्त है।
जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही। इस पर चुटकी लेते हुए नगर निगम के युवा नेता पार्षद विजय मोटवानी ने विपक्ष की ओर से कहा कि 5 वर्ष पूर्व जनसेवा का संकल्प लेकर दोनों ही दलों के पार्षद निगम पहुंचे थे लेकिन शहर विकास के दिशा में एक भी मील का पत्थर नहीं रखा जाना हम सबके लिए दुर्भाग्यजनक है!
यदि महापौर के पास विकास का कोई भी विजन रहा होता तो हम सारे विपक्षी भी उनके साथ जनता के लिए कार्य करने के लिए हमेशा खड़े रहते, और आज भी उनसे इस विषय पर आमने-सामने होकर बात करने के लिए तैयार है।
लेकिन दुर्भाग्यजनक बात यह है कि आज भी अनेक पार्षदों को वहां के अधिकारी कर्मचारी पहचानते नहीं है इसका एकमात्र कारण यह है कि नगर निगम के तमाम पार्षदों को अपनी बात रखने का सबसे बड़ा मंच सामान्य सभा की बैठक है जो नियमित रूप से नहीं हुई जिससे निगम प्रशासन व चुने हुए जनप्रतिनिधियों के बीच में किसी प्रकार का संवाद और जनता को होने वाली समस्याओं उनकी मांगों पर चर्चा नहीं हो सकी, इससे जो दूरियां बनी रही उससे शहर का ही नुकसान हुआ।
गौरतलब है कि नगर निगम ने पूरे 5 वर्ष में मात्र तीन सामान्य सभा की बैठक आयोजित की, वह भी कांग्रेस के ही जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने के कारण अधूरी रही। भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों के द्वारा सकारात्मक रूप से विपक्ष की जिम्मेदार भूमिका के साथ लोकतांत्रिक धर्म निभाते हुए निगम के जिम्मेदार लोगों की हठधर्मिता तथा स्वेच्छाचारिता और भ्रष्टाचार पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया!जिससे निगम की साख और विश्वसनीयता जनता के बीच में बची रही। पार्षद मोटवानी ने आगे कहा कि पार्षदगणों को सामान्य सभा की बैठकों से एक्सीडेंटल जनप्रतिनिधियों द्वारा वंचित किया जाना लोकतंत्र का गला घोटकर उसे कलंकित करने के समान है, जनता सब कुछ देख रही है आगामी चुनाव में निश्चित ही सबक सिखाएगी।