भगोड़े जाकिर नाइक के ‘बाजारी औरत’ के विवादास्पद बयान पर पाकिस्तान में भारी हंगामा मच गया है, चारों ओर हो रही थू-थू….

अपने आप को मुसलमानों का मसीहा कहलाने वाले जाकिर नाइक के विवादित बयानों ने पाकिस्तान में तहलका मचा दिया है।

महिलाओं के सम्मान पर उसकी विवादास्पद टिप्पणियों ने न केवल जनता का गुस्सा भड़काया है, बल्कि पाकिस्तानी सरकार को भी शर्मिंदगी के साए में डाल दिया है।

जिस व्यक्ति को इस्लाम पर उपदेश देने के लिए बड़े आदर के साथ बुलाया गया था, वही अब अपने अपमानजनक विचारों की वजह से चारों ओर आलोचनाओं का सामना कर रहा है। पाकिस्तान में अब जाकिर नाइक की थू-थू हो रही है।

पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबाकि, इस्लाम पर उपदेश देते वक्त जाकिर नाइक ने एक सभा में कहा, “अविवाहित महिलाओं का सम्मान नहीं किया जा सकता। उनके पास दो विकल्प हैं। पहला- एक ऐसे व्यक्ति से विवाह कर लें जिसकी पहले से ही पत्नी हो, या फिर वह ‘बाजारी औरत’ बन जाएगी। मैं इससे बेहतर शब्द नहीं जानता। और मेरा मानना है कि कोई भी सम्मानित महिला पहले विकल्प को ही चुनेगी।”

जाकिर नाइक के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी आलोचना हो रही है। कई प्रमुख हस्तियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके इस बयान की कड़ी निंदा की है।

पाकिस्तान में फिल्म और टीवी इंडस्ट्री से जुड़े कई प्रसिद्ध चेहरों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह बयान महिलाओं की गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है।

प्रसिद्ध पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “महिलाओं के सम्मान का आकलन उनके वैवाहिक स्थिति से नहीं किया जा सकता। इस्लाम महिलाओं को बहुत सम्मान देता है और हमें एक ऐसा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए जो सहिष्णु हो।”

समीना पीरजादा, एक और प्रमुख अभिनेत्री ने भी जाकिर नाइक की टिप्पणी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “इस तरह की टिप्पणियां समाज में विभाजन और असमानता पैदा करती हैं। हमें महिलाओं की भूमिका और अधिकारों पर एक अधिक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है।”

कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने भी इस बयान की कड़ी निंदा की है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान न केवल महिलाओं के प्रति एक संकीर्ण सोच को दर्शाते हैं, बल्कि यह समाज में असमानता को भी बढ़ावा देते हैं।

धार्मिक विद्वानों के बीच भी इस मुद्दे पर मतभेद देखने को मिल रहा है। कुछ का मानना है कि इस्लाम में महिलाओं के अधिकार और सम्मान का जो स्थान है, उसे इस प्रकार की टिप्पणियों से छोटा नहीं किया जा सकता।

वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि जाकिर नाइक ने अपने बयान में धर्म के कुछ मूल सिद्धांतों को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया।

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