रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।
हाल ही में कीव पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि कि डोनेट्स्क के पास रूसी कब्जे वाले क्षेत्र में हवाई हमले में करीब 6 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए हैं।
रूस की तरफ से इस तरह की किसी भी रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया।
इस बात पर उठे सवाल का जवाब देते हुए क्रेमिलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यह एक और फर्जी खबर की तरह लगती है। हालांकि उन्होंने इस मामले पर विस्तार के बताने से इनकार कर दिया।
इस सप्ताह जारी कीव पोस्ट की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि यूक्रेनी हवाई हमलें में कम से कम 6 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए हैं।
इस मामले पर दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्री किम योंग ह्यून ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए और दोनों देशों के संबंधों को देखते हुए यह संभव है कि यूक्रेन के लड़ाई वाले इलाके में उत्तर कोरियाई सैनिक हों।
उन्होंने कहा कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य गठबंधन के समान समझौते हैं इसलिए इस बात की और संभावना बन जाती है कि तानाशाह किम जोंग उन ने अपने मित्र राष्ट्र की मदद करने के लिए वहां पर सैनिकों की तैनाती का आदेश दे दिया हो।
शुरुआती रूप से इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो रहे थे लेकिन इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता तब और बढ़ गई जब यूक्रेन काउंटिंग डिसइनफॉर्मेंशन सेंटर के प्रमुख एंड्री कोवलेंको ने शनिवार को टेलीग्राम पर लिखा कि डोनेटस्क क्षेत्र में उत्तर कोरिया के लड़ाकू इंजीनियरों की उपस्थिति है।
क्या रूस की मदद कर रहा है उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच दोस्ती को देखते हुए यह आश्चर्यजनक नहीं है कि उत्तरकोरियाई सैनिकों की उपस्थिति यूक्रेन में हैं।
लेकिन अगर यह दावे सही है तो यह पहली बार होगा कि किसी विदेशी सरकार में यूक्रेन और रूस युद्ध में अपने सैनिकों को लड़ने के लिए भेजा हो।
अमेरिकी प्रतिबंधों से अलग-थलग पड़े देश उत्तर कोरिया की रूस और चीन बड़े पैमाने पर सहायता करते हैं ऐसे में यह संभव है कि वहां किम जोंग के सैनिक हों।
इस मामले के जानकार लोग लंबे समय से कहते रहे हैं कि रूस की मदद के लिए उत्तर कोरिया अपनी मिसाइलों को रूसी जमीन पर तैनात कर रहा है।
हालांकि दोनों ही देश इससे इनकार करते रहे हैं। दक्षिण कोरिया ने भी दावा किया है कि उत्तरकोरिया ने रूस की मदद के लिए हथियारों की एक बड़ी खेप रूस भेजी है।
इसी साल जून में रूसी राष्ट्रपति पुतिन की उत्तर कोरियाई यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच में बडे स्तर पर रक्षा सहयोग समझौते हुए थे।