छत्तीसगढ़; धमतरी: 2 दिवसीय जल जगार कार्यक्रम में क्या क्या हुआ… क्यों हुए स्थानीय पत्रकार नाराज़? पढ़ें इस ख़बर में…

सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):

धमतरी- जल संरक्षण के मद्देनजर जिले के गंगरेल बांध के तट में 2 दिवसीय जल जगार कार्यक्रम ज़िला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया, जिसमे पहले दिन 5 अक्टूबर को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय पहुंचे जहां उन्होंने जिले को दी 87 करोड़ 25 लाख से अधिक के 49 विकास कार्यों की सौगात।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों का सम्मान भी किया, और अपने उद्बोधन में जल संरक्षण की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे इस आयोजन की सराहना की।

कार्यक्रम का उद्देश लोगों में जल संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण की भावना जागृत करना है। इस दौरान विभिन्न सास्कृतिक आयोजन हुए, कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां भी दी, मैराथन दौड़ ने लोगों को रोमांचित किया।

मुख्यमंत्री समेत प्रभारी मंत्री, जल मंत्री व सांसद के भाषण भी सुने गए, सभी ने एक स्वर में जल संरक्षण पर जोर दिया। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान ही कुछ भाजपा नेता व पुलिस के बीच तीखी बहस भी देखी गई।

इस दौरान 350 ड्रोन से लाइट शो भी हुआ, जिसे देख लोगों में उत्साह नजर आया। 

जल जगार के दूसरे दिन 6 अक्टूबर को विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरुण साव भी पहुंचे, उन्होंने भी अपने उद्बोधन में जल, पर्यावरण संरक्षण की बातें कहीं।

बहरहाल कार्यक्रम में आयोजक जिला प्रशासन की उम्मीद के मुताबिक लोग तो जुटे, लेकिन अव्यवस्थाओं ने उन्हें काफी थकाया!

कुछ लोग से प्रतिनिधि ने बात की तो उनका कहना था कि वाहनों की पार्किंग काफी दूर दूर बनाई गई, जिसके चलते खासकर स्कूली बच्चे, महिलाएं व वृद्धजन काफी परेशान होते नज़र आए, पेयजल की उचित व्यवस्था न होने के चलते पर्यटक तपती धूप में भटकते रहे, पर्यटकों के आने-जाने के मार्ग की स्थाई व्यवस्था, दिशा सूचक संकेत नही होने से परेशानी ज़्यादा हुई, बहुत से लोगों को अपने मनचाहे स्पॉट तक पहुंचने गंगरेल के कई चक्कर भी लगाने पड़े।

व्यवस्था बनाने पुलिस कर्मी लगातार पसीना बहाते रहे, लोगों को रास्ते बताते रहे, बहुतों की पुलिस कर्मियों से भी तीखी बहस हुई।

मैराथन धावकों का हुजूम नज़र आया, उनमें भारी उत्साह देखा गया, गंगरेल बांध से कुकरेल तक प्रतिभागियों ने लगाई दौड़।

एंड्यूरेंस रन में 77 वर्ष की उम्र में धमतरी के सुकलाल अवड़े ने 10 किमी. की दौड़ लगाकर प्रतियोगिता अपने नाम की।

लोगों ने जल ओलंपिक का लुत्फ उठा ही नही पाया, जल ओलंपिक के सभी पार्टिसिपेंट पहुंचे ही नही, जिससे लोगों में भारी मायूसी देखी गई, 

मालूम हो कि जल ओलंपिक की शुरुआत कलेक्टर की मौजूदगी में सुबह हुई तो सही लेकिन उसके बाद फिर जल ओलंपिक पार्टिसिपेंट के लिए तरसता रहा, और मौजूद दर्शकों को मायूस कर गया।

कार्निवाल में प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति तो दी लेकिन उन्हें देखने दर्शक नही मिले, जिससे उनमें मायूसी नजर आई,

कबाड़ से जुगाड के तहत बनाई गई विभिन्न आकृतियों ने पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचा।

अंतरराष्ट्रीय जल सभा में स्थानीय पत्रकारों को नही मिला प्रवेश! जहां पर्यावरणविद् व जल संरक्षण के क्षेत्र में विशेष काम करने वाले देश विदेश की नामी हस्तियों ने हिस्सा लिया था।

जल जगार के दूसरे दिन जल ओलंपिक में मात्र 4-5 लोगों ने लिया हिस्सा, जिनमे अन्य जिले के प्रतिभागी ही रहे।

कॉलेज स्टूडेंट्स ने विभिन्न नेताओं की भूमिका में विधानसभा सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका संकट और भविष्य की दिशा पर गहन चर्चा की।

विदेशी मेहमानों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों में छेड़ी तान, तो पारंपरिक परिधानों को भी किया धारण।

पीकू द वाटर गार्जियन (पहाड़ी मैना) जिसे कबाड़ से जुगाड करके बनाया गया था, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।

2 दिवसीय कार्यक्रम के अंत में सीजी स्टार अनुज शर्मा के शो ने लोगों को काफी रोमांचित किया। 

इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए कलेक्टर नम्रता गांधी ने आभार जताया। 

फिलहाल 2 दिवसीय जल जगार कार्यक्रम में स्थानीय पत्रकारों की भारी अनदेखी की गई, राजधानी रायपुर से मीडिया कर्मी बुलाकर कार्यक्रम का कवरेज करवाकर स्थानीय पत्रकारों को नीचा दिखाया गया, जिसके चलते अधिकांश मीडिया कर्मियों में जिला प्रशासन के खिलाफ काफी रोष है। वहीं पत्रकारों ने जिला प्रशासन के इस व्यवहार की शिकायत मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर की है।

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