प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
अक्टूबर में कई बड़े त्योहार और व्रत है।
इस वीक यानी एक से सात अक्टूबर की बात की जाए तो 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण हैं।
सर्व पितृअमावस्या पर उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी तिथि पता नहीं है। इसे महालया भी कहते है।इस दिन रात को सूर्य ग्रहण भी लग रहा है।
लेकिन भारत में ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक मान्य नहीं। इसके बाद 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं।
नवरात्र इस बार नौ दिन के पड़ रहे हैं, लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि एक दिन पड़ रही हैं। यहां आप नवरात्र व्रत की तिथियां देख सकते हैं।
01 अक्तूबर (मंगलवार) आश्विन कृष्ण चतुर्दशी रात्रि 09.40 बजे तक । भद्रा प्रात 08.24 बजे तक। शस्त्र-विष-दुर्घटनादि (अपमृत्यु) से मृतकों का श्राद्ध। चतुर्दशी श्राद्ध। अक्तूूबर मास प्रारंभ।
02 अक्तूबर (बुधवार) आश्विन कृष्ण अमावस्या रात्रि 12.19 बजे तक। आश्विन/ महालय अमावस। सर्वपितृ श्राद्ध। अज्ञात तिथिवालों का श्राद्ध। महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जयंती। सूर्य ग्रहण
03 अक्तूबर (गुरुवार) आश्विन शुक्ल प्रतिपदा रात्रि 02.59 बजे तक। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रारंभ। शारदीय नवरात्रि आरंभ। घटस्थापन। महाराजा अग्रसेन जयंती।
04 अक्तूबर (शुक्रवार) आश्विन शुक्ल शारदीय नवरात्रि द्वितीया रात्रि 05.31 बजे (सूर्योदय पूर्व) तक। चंद्रदर्शन।
05 अक्तूबर (शनिवार) आश्विन शुक्ल शारदीय नवरात्रि तृतीया (दिन-रात)। सिंदूर तृतीया। रबी-उल-सानी (मु.) मास प्रारंभ।
06 अक्तूबर (रविवार) आश्विन शुक्ल शारदीय नवरात्रि तृतीया प्रात 07.50 मिनट तक। भद्रा रात्रि 08.49 बजे से। वैनायिकी श्री गणेश चतुर्थी।
07 अक्तूबर (सोमवार) आश्विन शुक्ल शारदीय नवरात्रि चतुर्थी प्रात 09.48 बजे तक। भद्रा प्रात 09.48 बजे तक। उपांग ललिता व्रत। गंडमूल रात्रि 02.25 बजे से।