शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना के विकास के लिए एक रोडमैप बनाकर लगातार किया जा रहा है कार्य
जशपुर जिले के लोगों के लिए एक उत्सव की तरह था विष्णु देव साय का मुख्यमंत्री बनना। इससे यहां के लोगों के चेहरे में एक चमक आने के साथ उनसे उम्मीद भी बढ़ गई।
लोग उन्हें अपने सपनों को साकार करने वाले नायक के रूप में भी देखते हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उनकी आशाओं पर लगातार खरे उतर रहे हैं।
अपनी व्यस्तता के बीच भी वे अपने गृहग्राम जशपुर जिले के ग्राम बगिया में समय निकालकर आते रहते हैं। वे रायपुर स्थित अपने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में लोगों से मिलते रहते हैं और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार तत्पर रहते हैं।
मुख्यमंत्री साय ने बगिया में भी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की स्थापना की है। यहां पर जशपुर जिले के अलावा प्रदेश भर से पूरी आशा के साथ लोग आ रहे हैं और उनकी स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी या अन्य समस्याओं का समाधान त्वरित गति से किया भी जा रहा है। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय ने हेल्पलाईन नंबर 0774-250061,0774-250062 नंबर जारी की है। प्रदेश के जरूरतमंद नागरिक कॉल करके इससे लाभान्वित भी हो रहे हैं।
जशपुर जिले के लगभग 250 ग्राम पंचायत हाथी विचरण क्षेत्र है। कैंप कार्यालय का लक्ष्य इन हाथी प्रभावित इलाके में विद्युत व्यवस्था को और भी दुरूस्त करने की है। जानकारों की माने तो रोशनी होने पर हाथियों की बस्ती में घुसपैठ होने आशंका कम रहती है। हाथी को दूर से देखा जा सकता है।
विद्युत व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाने के लिए कुनकुरी क्षेत्रों में क्षेत्रीय कार्यालयों में नवीन पदास्थापना किया जा रहा है। विद्युत विभाग द्वारा पिछले लगभग 9 महीने में जशपुर जिलें में 600 से ज्यादा ट्रांसफार्मर बदले गए हैं और 130 से ज्यादा नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है। इसके साथ ही विद्युत उपकेंद्र स्थापित किए गए हैं। विद्युत प्रवाह निर्बाध गति से प्रवाहित रहे इसके लिए विभाग द्वारा नई लाईन बिछाने, केबल, ग्रिप चेंज आदि कार्य भी सतत रूप से किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए मुख्यमंत्री साय की पहल पर जशपुर जिले में 18 एबीबीएस और 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति की जा चुकी है। इसके अलावा नवीन स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की स्वीकृति के साथ ही मेडिकल उपकरणों की खरीदी और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले में स्वास्थ्य मितान हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा है। इसकी मदद से अब तक 1025 से अधिक मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है। इसके लिए सर्वप्रथम आवेदक बगिया कैंप कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करते हैं।
आवेदन प्रस्तुत होने के पश्चात तत्काल 5 मिनट के अंदर कार्यवाही की जाती है। मुख्यमंत्री की पहल पर कुनकुरी 32 करोड़ की अधिक की लागत से 220 बिस्तरा सर्वसुविधायुक्त अस्पताल की स्वीकृति दी गई है।
इसी तरह मुख्यमंत्री साय की पहल पर ही जिले में एक मजबूत अधोसंरचना निर्माण के लिए लगातार सड़क मार्गों, पुल-पुलिया भवन निर्माण की स्वीकृति दी जा रही है। दूरस्थ गांवों और शहरों में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण कराया जा रहा है।
किसानों की सुविधा के लिए जिले में एनीकट योजना के निर्माण, व्यपवर्तन योजना के निर्माण, जीर्णाेद्धार एवं लाईनिंग कार्य, जलाशय योजना के नहर मरम्मत एवं सी.सी.लाईनिंग कार्य, मुख्य एवं शाखा नहर के मरम्मत, पुराने पक्के कार्याे का सुधार, तालाब योजना के तहत् निर्माण, जलाशय योजना, जलाशय मध्यम परियोजना के सर्वेक्षण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इन कार्याे के होने से जिले के किसानों को और अधिक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
इसके साथ ही मत्स्य पालक मच्छली पालन भी कर सकेंगे। इससे कृषकों को अतिरिक्त आमदनी होगी। साथ ही जिले में जल स्त्रोत में भी वृद्धि होगी।
इसी तहत जिले में खेलों के बेहतर महौल और खिलाड़ियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार खेल मैदानों सहित अन्य अधोसंरचना का निर्माण कर रही है। बगीचा में बैडमिंटन कोर्ट निर्माण के लिए 2 करोड़ 83 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई है।
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को ओलंपिक में गोल्ड मैडल जितने पर 3 करोड़ रूपए, सिल्वर मैडल जितने पर 2 करोड़ और ब्रान्ज मैडल जितने पर 1 करोड़ रूपए की राशि दिए जाने की घोषणा की है।
इससे खिलाड़ियों को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से प्रतियोगी परीक्षाओं के चयन में जशपुर अंचल की विशेष पहचान रही है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की सुविधा जशपुर जिले के छात्रों को भी मिले इसके लिए मुख्यमंत्री साय की पहल पर रायपुर की नालंदा परिसर लाईब्रेरी की तर्ज पर जशपुर नगर में 500 सीटर और कुनकुरी में 200 सीटर लाइब्रेरी की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसी तहत पीएम जनमन योजना के तहत जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति इलाकों में विकास के लिए कार्य किए जा रह हैं। इस योजना से इन क्षेत्रों के विकास में तेजी आई है।