मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर का बड़ा दावा, बताया- उद्धव राज में किसके पास जाती थी अवैध वसूली की रकम…

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी के नेता अनिल देशमुख ने उन्हें बताया था कि जबरन और अवैध वसूली की रकम एनसीपी नेता जयंत पाटिल के पास जाता था, जो अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का फंड मैनेज करते थे।

समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने अधिकारियों को मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था। 

1988 बैच के आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि देशमुख ने तब उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस सहित कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को भी निशाना बनाने की अपनी योजनाओं के बारे में भी बताया था।

सिंह ने आगे स्पष्ट किया कि सिर्फ मुंबई शहर के लिए 100 करोड़ रुपये वसूली का टारगेट था और इसके लिए उनके मातहत आने वाले पुलिस अधिकारियों पर दबाव डाला गया था। 

उन्होंने बताया कि राज्य के बाकी हिस्सों के लिए वसूली का टारगेट अलग था। पूर्व पुलिस कमिश्नर ने बताया कि प्रतिबंधित गुटखा कारोबार सहित अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को भी तब उगाही और कलेक्शन से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया जाता था।

इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के बेटे और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नेता सलिल देशमुख ने शनिवार को दावा किया था कि भाजपा ने ‘एंटीलिया’ आतंकी मामले में एनआईए द्वारा गिरफ्तारी से पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को बचाया और उनके पिता के खिलाफ आरोप लगाने के लिए उनका इस्तेमाल किया।

सलिल देशमुख ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि परमबीर सिंह उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटकों से भरा वाहन रखने और वाहन चालक की मौत के मास्टरमाइंड थे।

उन्होंने दावा किया कि जब सिंह की भूमिका के बारे में तत्कालीन महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार को पता चला तो उसने उन्हें निलंबित कर दिया था।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को इन दोनों मामलों में परमबीर सिंह को गिरफ्तार करना था, जिन्होंने भाजपा के संरक्षण में शरण ली थी।

सलिल ने आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा नेताओं के निर्देश पर अनिल देशमुख के खिलाफ आरोप लगाना शुरू कर दिया।

वह सिंह के ताजा आरोपों का जवाब दे रहे थे जिन्होंने दावा किया था कि गृह मंत्री के रूप में अनिल देशमुख ने उन पर कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के लिए दबाव डाला था।

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