जाति और धर्म के घोर विरोधी रहे रामास्वामी पेरियार के विचारों पर चलने का दावा करने वाली डीएमके अकसर सनातन धर्म के विरोध में खड़ी रहती है।
वहीं डीएमके नेता और तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार में कानून मंत्री एस रेगुपथी ने कहा है कि भगवान राम भी द्रविड़ियन मॉडल के अग्रदूत थे।
उन्होंने कहा कि रामराज का कॉन्सेप्ट द्रविड़ियन मॉडल जैसा ही है। वहीं रेगुपथी के बयान पर बीजेपी ने तीखा प्रहार किया है।
सोमवार को कंबन कझगम में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है कि भागवान राम सामाजिक न्याय के संरक्षक थे।
उन्होंने कहा, पेरियार, अन्नादुराई, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और पूर्व सीएम एम करुणानिधि से पहले भगवान राम ही सामाजिक न्याय के संरक्षक थे और उन्होंने द्रविड़ियन मॉडल को आगे बढ़ाया। राम ही वह नायक थे जिन्होंने सेक्युलरिजम और सामाजिक न्याय को दुनियाभर में फैलाया। राम ने ही बताया कि सभी लोग बराबर हैं।
उन्होंने कहा, रामायण इसीलिए लिखी गई थी कि भविष्य में लोगों में समानता रहे। रेगुपैथी ने कहा, अगर मौका मिला तो मैं अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन करने जाऊंगा। वहीं डीएम के मंत्री के बयान को बीजेपी ने बकवास बताया है और कहा कि द्रविड़ियन सरकार की तुलना राम राज्य से नहीं की जा सकती।
तमिलनाडु बीजेपी ने कहा, डीएमका का द्रविड़ियन मॉडल राम राज्य की तरह नहीं बल्कि रावण राज्य की तरह है। सनातन धर्म को खत्म करने का दावा करने वाली डीएमके के नेता का बयान काफी हास्यास्पत है।
बीजेपी ने कहा, डीएमके नेता उदयनिधि स्टालीन ने सनातन को खत्म करने की बात कही थी। अब उसी पार्टी के नेता वोट बैंक के लिए भगवान राम का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले साल एमके स्टालिन के बेचे और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू और मलेरिया की तरह है जिसका विरोध करने की नहीं बल्कि पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है।