दो माह से अधिक समय से ठप विवाह आदि मांगलिक कार्य नौ जुलाई से शुरू होंगे।
नौ जुलाई से एक बार फिर से शहनाई की धुन सुनाई देगी। अभी तक गुरु और शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं बन रहे थे।
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त केवल 17 जुलाई तक ही रहेगा। इसके बाद चातुर्मास शुरू हो जाएंगे। फिर चार माह यानी नवम्बर मध्य तक विवाह आदि मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।
ज्योतिषचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस वर्ष 26 अप्रैल तक ही विवाह मुहूर्त थे। मई और जून माह में गुरु और शुक्र ग्रह अस्त रहे।
सात मई से छह जून तक गुरु अस्त रहे और 27 अप्रैल से 28 जून तक शुक्र ग्रह अस्त रहे। इस कारण विवाह आदि मांगलिक कार्य बंद थे। विवाह के लिए गुरु और शुक्र का उदय होना जरूरी माना जाता है।
अगर गुरु और शुक्र उदय नहीं होते हैं, तो शादी और विवाह के कामों में अड़चनें आती हैं। इस साल जुलाई से दिसंबर तक कुल 25 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
उन्होंने बताया अब नौ जुलाई से विवाह के लिए शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। जो 17 जुलाई तक रहेंगे। इसीलिए इधर नौ दिन खूब शादियां होंगी।
17 जुलाई से चातुर्मास शुरू
17 जुलाई देवशयनी या हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएंगे। ऐसी मान्यता है कि हरिशयनी एकादशी से भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीर सागर में चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं।
इसलिए इस दौरान 18 जुलाई से, अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर व नवम्बर 12 तक मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। इसके बाद 12 नवम्बर को हरीउठनी एकादशी से फिर से विवाह के शुभ मुहूर्त मिलेंगे। फिर 16 दिसम्बर तक विवाह मुहूर्त मिलेंगे।
जुलाई: 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16,17
नवम्बर: 17, 18, 22, 23, 24,25
दिसम्बर: 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13,14,15