लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मोदी सरकार बनने के बाद अब नजरें नेता प्रतिपक्ष कौन होगा पर टिकी हैं। कयास लग रहे हैं कि राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि वह इस पद को लेने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें मनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऐक्शन लेने की चेतावनी भी दी है। इस बात में कितनी सच्चाई है? खुद राहुल गांधी ने इस पर से पर्दा उठाया है।
सोमवार को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऐलान किया कि राहुल गांधी यूपी की रायबरेली सीट को जारी रखेंगे और केरल की वायनाड सीट छोड़ेंगे। इस सीट पर कांग्रेस प्रियंका गांधी को उतारने जा रही है।
लोकसभा में राहुल और प्रियंका की जोड़ी की उतारने की रणनीति में कांग्रेस कितनी सफल होगी? यह देखने वाली बात है लेकिन, फिलहाल सूत्रों से पता लगा है कि नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर खरगे और बाकी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मना रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद सीटों का सूखा तोड़ा और 99 सीट लेकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। जाहिर है कि लोकसभा में अब कांग्रेस की तरफ से ही सांसद को नेता प्रतिपक्ष चुना जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर खरगे और राहुल गांधी में काफी बातचीत भी हुई। सूत्रों ने बताया कि जब कांग्रेस कार्यसमिति ने राहुल गांधी से विपक्ष का नेता बनने का अनुरोध किया। खरगे ने मजाक में कहा था कि अगर उन्होंने इनकार कर दिया तो “मुझे अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी पड़ेगी”।
राहुल गांधी ने बताई सच्चाई
यह पूछे जाने पर कि क्या यह सच है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने राहुल गांधी को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मल्लिकार्जुन खरगे ने टालमटोल करते हुए कहा कि जब कोई फैसला तय हो जाएगा तो इसकी घोषणा कर दी जाएगी। हालांकि राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा, “चेतावनी तो दी थी।”
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में विपक्ष के बेहतर प्रदर्शन के बाद एक दशक के बाद उसे लोकसभा में नेता मिलेगा। कांग्रेस ने 99 सीटें पाईं हैं।
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा के बूते कांग्रेस को चुनाव में बड़ा फायदा हुआ है। कांग्रेस ने 2014 में 44 सीटें जीतीं थी, 2019 में 52 सीटें मिली थीं।
कांग्रेस की प्लानिंग क्या है?
सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल को मनाने की कोशिश कर रही हैं। इस बीच, तीन वरिष्ठ नेताओं कुमारी शैलजा, गौरव गोगोई और मनीष तिवारी को बैक-अप के तौर पर माना जा रहा है।