प्रदर्शनी में शामिल विभिन्न श्रेणियों, उत्कृष्ट प्रादर्शां को पुरस्कृत किया गया
कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय आम महोत्सव का समापन
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ शासन तथा प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में 12 से 14 जून तक आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव का समापन हुआ।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि संभागायुक्त रायपुर एवं महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय अलंग थे।
समारोह की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में संचालक उद्यानिकी एस. जगदीशन उपस्थित थे।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. संजय अलंग ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव एक अनोखा और सफल आयोजन रहा, जिसमें देश भर के 600 से अधिक कृषक प्रतिभागियों द्वारा आम की 350 विभिन्न किस्मों के दो हजार से अधिक प्रादर्श छत्तीसगढ़ वासियों के अवलोकनार्थ रखे गए थे।
इस आम महोत्सव को रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के लोगों का प्यार मिला और तीन दिनों तक आमों की इतनी सारी और विविध किस्मों को दखने के लिए दर्शक उमड़े रहे।
तीन दिनों के आयोजन के दौरान लगभग 5 लाख रूपये के आम एवं पौधों की बिक्री होना आयोजन की सफलता को दर्शाता है। उन्होंने इस सफल आयोजन हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, प्रशासनिक अधिकारियों, वैज्ञानिकों तथा आयोजन समिति के सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रकृति की ओर संस्था की सहयोग से पहली बार तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव आयोजित किया गया, जिसे आम नागरिकों का जबरदस्त प्रतिसाद मिला।
उन्होंने कहा कि आम महोत्सव में लगाई गई आम प्रदर्शनी को देखने हजारों लोग आए। महात्सव के दौरान आम की किस्मों तथा व्यंजनों पर केन्द्रित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
डॉ. चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा आगामी वर्ष इस आम महोत्सव को और भी भव्य तथा विस्तृत रूप में आयोजित किया जाएगा।
संचालक उद्यानिकी एस. जगदीशन ने बताया कि छत्तीसगढ़ की आबोहवा आम की खेती के लिए काफी उपयुक्त है।
राज्य की 46 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में लगभग ढ़ाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती की जा रही है, जिसमें एक लाख हेक्टेयर रकबे में आम का उत्पादन हो रहा है।
समापन समारोह में आम महोत्सव के दौरान लगाई गई प्रदर्शनी के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों में शामिल प्रादर्शां को प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
आम से बने व्यंजनों की प्रतियोगिता हेतु भी पुरस्कार प्रदान किये गये। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाली उत्कृष्ट संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया।
समापन समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव जी.के. निर्माम, संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, प्रकृति की ओर संस्था के अध्यक्ष मोहन वर्ल्यानी सहित बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक प्रतिभागी, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, विभिन्न कृषि महाविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के कृषि वैज्ञानिक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।