सोमवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक बंदूकधारी ने पोलियो ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अधिकारी को पोलियो कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया था।
पाकिस्तान में बच्चों को पोलियो पिलाना कोई आसान काम नहीं है। य
हां पोलियो सेंटर पर तैनात पुलिस अधिकारियों और हेल्थ वर्कर्स को आतंकवादी अगवा कर लेते हैं या फिर उनकी गोली मारकर हत्या कर देते हैं। इस साल पाकिस्तान के उत्तर- पश्चिम इलाके में पोलियो ड्यूटी के दौरान कम से कम 11 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पुलिस अधिकारी साजिद खान ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बंदूकधारियों ने लक्की मारवत जिले के वारगरी में टीकाकरण टीम की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों टीम पर गोलीबारी की।
पुलिस की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर मारा गया लेकिन बाकी हमलावर मौके से फरार हो गए। हमले की जिम्मेदारी तुरंत किसी संगठन ने नहीं ली है।
खैबर पख्तूनख्वा के 9 सबसे ज्यादा जोखिम वाले जिलों में सोमवार को पांच दिवसीय पोलियो विरोधी अभियान शुरू किया गया। हेल्थ वर्कर्स को पांच साल से कम उम्र वाले लगभग 3.28 मिलियन बच्चों को टीका लगाने का काम दिया गया। पोलियो बूथ और हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा में 26 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
पाकिस्तान में पोलियो बूथ नियमित रूप से आतंकवादियों का निशाना बने हुए हैं और अक्सर बूथ पर हिंसा की ख़बरें आती रहती हैं।
आतंकवादी टीकाकरण टीम और उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना बनाते रहते हैं। आतंकवादी यह झूठा दावा करते हैं कि पोलियो अभियान बच्चों की नसबंदी करने के लिए एक पश्चिमी साजिश है।
पाकिस्तान सरकार ने पोलियो के बहुत सारे मामले सामने आने के बाद पोलियो टीका लगाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था।
पाकिस्तान में पोलियो टीम पर हमलों के कारण पिछली सरकारों को कई बार पोलियो टीकाकरण अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा है।