गोल्ड लोन बांटने वाली कंपनियां कर रही हैं खेल, अब आरबीआई ने कसी नकेल…

आरबीआई ने गोल्ड लोन देने में सामने आ रही खामियों को लेकर बैंकों और फिनटेक स्टार्टअप को चेतावनी जारी की है।

केंद्रीय बैंक ने सोने के मूल्‍य निर्धारण की प्रक्रिया को लेकर सतर्कता बरतने को कहा है।

खासकर ऐसे मामलों में जहां गोल्ड कंपनियों के क्षेत्रीय एजेंट काम कर रहे हैं। देश में कई ऐसे फिनटेक स्टार्टअप हैं, जो बैंकों और एनबीएफसी के लिए गोल्ड लोन बांटते हैं।

आरबीआई की यह चेतावनी आईआईएफएल फाइनेंस के गोल्ड लोन व्यवसाय पर रोक लगाने के तुरंत बाद आई है।

बताया जा रहा है कि इसके बाद सभी बैंक, फिनटेक कंपनियों के साथ इन मुद्दों को लेकर बातचीत कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो बैंक गोल्ड लोन वितरण पर अस्थायी रोक भी लगा सकते हैं।

कई और कंपनियों पर कार्रवाई संभव

गौरतलब है कि आईआईएफएल फाइनेंस मामले के बाद आरबीआई गोल्ड लोन बांटने की बारीकी से जांच कर रहा है।

माना जा रहा है कि अन्य गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर भी आरबीआई की कार्रवाई देखने को मिल सकती है और वे जांच के दायरे में आ सकती हैं। हालांकि, बैंकों ने फिनटेक के जरिए गोल्ड लोन को बंद नहीं किया है।

धांधली में कई नामी कंपनियां शामिल

आरबीआई ने अपनी जांच में पाया है कि गोल्ड लोन देने में बैंकों और एनबीएफसी द्वारा नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है।

ये वित्त कंपनियां जानबूझकर सोने की कम कीमत आंक रही हैं, जिससे ग्राहकों को कर्ज की रकम कम मिल रही है। इस धांधली में कई नामी गोल्ड लोन कंपनियां शामिल हैं।

इतना ही नहीं कर्ज की रकम 20 हजार रुपये से अधिक का नकद कर्ज देते हुए पाया है।

कुछ मामलों में यह राशि एक लाख रुपये से भी अधिक भी रही ☆है। नियमों के मुताबिक ऐसी कंपनियों को 20 हजार रुपये से अधिक का कर्ज नकद में देने की अनुमति नहीं है।

ये गड़बड़ियां सामने आईं

– कुछ कंपनियां ग्राहकों के सोने की कीमत कम आंक रही हैं। इसके लिए लोन-टू वैल्यु रेश्यो (एलटीवी) में गड़बड़ी करती हैं। यह रेश्यो बताता है कि गिरवी रखे सोने के बदले अधिकतम कितना लोन मिल सकता है।

– कुछ कंपनियां सोने की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाती हैं। कई बार 22 कैरेट सोने के आभूषणों को 20 या 18 कैरेट का बता दिया जाता है। इससे सोने का मूल्यांकन कम हो जाता है और उसे कम लोन मिलता है।

– सोने का मूल्यांकन कम होने से ग्राहक की लोन चुकाने की क्षमता भी प्रभावित होती है। अगर वह कर्ज न चुका पाए तो कंपनी उस सोने की नीलामी कर फायदा उठा लेती है।

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