उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला है।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों को गोमांस खाने का अधिकार देना चाहती है और यह गोहत्या की अनुमति देने के समान है।
एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, “ये बेशर्म लोग गौमांस खाने का अधिकार देने का वादा करते हैं, जबकि हमारे ग्रंथ गाय को माता कहते हैं। वे गायों को कसाई के हाथों में सौंपना चाहते हैं। क्या भारत इसे कभी स्वीकार करेगा?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद का खाना खाने की आजादी देना चाहते हैं, मतलब वे गोहत्या की अनुमति देने की बात कर रहे हैं।
आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ संभल लोकसभा सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार परमेश्वर लाल सैनी के लिए समर्थन जुटाने के लिए मुरादाबाद जिले के बिलारी में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया भाषणों को दोहराते हुए सीएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘स्त्रीधन’ को जब्त करने और इसे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बीच वितरित करने का इरादा रखती है।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लोगों की संपत्ति के एक्स-रे की बात कही है।
उन्होंने कहा, “इसका मतलब यह है कि अगर किसी के घर में चार कमरे हैं, तो वे उनमें से दो कमरे छीन लेंगे। इतना ही नहीं, कांग्रेस कहती है कि वह महिलाओं के आभूषणों पर कब्जा कर लेगी, देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने यूपीए सरकार के तहत 2004 से 2014 तक ऐसे प्रयास किए थे। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने कर्नाटक में एससी, एसटी और ओबीसी को दिए गए आरक्षण में से मुसलमानों को कोटा देने की कोशिश की थी।”
उन्होंने सच्चर समिति की सिफारिशों का जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी के कोटे में से उन्हें छह प्रतिशत आरक्षण देकर इसे लागू करना चाहती थी।
उन्होंने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाते हुए दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस देश को और विभाजित करने की साजिश रच रही है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि “भाई-बहन” (राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या जाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब उनकी सरकार थी तो वे भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे।
लेकिन देवता सभी के हैं। यह उनके दोहरे मानकों का उदाहरण है।”
आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ बोलने में झिझकते हैं, उन्हें उनका वोट नहीं मिलना चाहिए।