इजराइली सैन्य खुफिया निदेशालय के प्रमुख अहरोन हलीवा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने स्वीकार किया है कि उनकी गलती की वजह से हमास के हमले के बारे में नहीं पता चल पाया और इतना बड़ा नुकसान हो गया।
पिछले साल सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के हमले को रोकने में विफल रहने के कारण सोमवार को पद से इस्तीफे दे दिया। इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने यह जानकारी दी।
आईडीएफ ने एक्स पर कहा, ‘जनरल स्टाफ के प्रमुख हेर्जी हलेवी के समन्वय में, खुफिया निदेशालय के प्रमुख एमजी अहरोन हलीवा ने आज इस्तीफा दे दिया है। वे खुफिया निदेशालय के प्रमुख के रूप में सात अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर हुए हमले को रोकने में विफल रहे थे।’
सैन्य खुफिया प्रमुख हलीवा हमास के हमले संबंधी विफलता को लेकर पद छोड़ने वाले पहले वरिष्ठ इजरायली अधिकारी हैं।
गौरतलब है कि सात अप्रैल को मिस्र की राजधानी काहिरा में इजरायल-हमास वार्ता का एक नया दौर शुरू हुआ। वार्ता में युद्धविराम प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों द्वारा अपनाई गई तीन-चरणबद्ध योजना के प्रथम चरण में 900 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 40 इजरायली बंधकों की रिहाई का प्रावधान किया गया था।
हमास ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि वह क्षेत्र में संघर्ष को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए अपनी योजना पेश करेगा।
बता दें कि पिछले साल सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला किया और सीमा का उल्लंघन किया। हमास के इस हमले में लगभग 1,200 इजरायल के नागरिक मारे गए और हमास लड़ाकों ने करीब 240 लोगों का बंधक बना लिया गया था।
इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया। इजरायल ने हमास लड़ाकों का खात्मा करने और बंधकों को सुरक्षित बचाने के घोषित लक्ष्य के साथ फिलिस्तीनी इलाके में जमीनी घुसपैठ शुरू कर दी।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में अब तक 34 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं।
बता दें कि हलेवी ऐसे पहले इजरायली अधिक्री हैं जिन्होंने सुरक्षा में चूक की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा, मेरी अगुआई में खुफिया निदेशालय अपना काम नहीं पूरा कर सका। मुझे वह काला दिन रोज ही याद आता है। मैं इस दर्द को आजीवन सहता रहूंगा।
वहीं जानकारों का कहना है कि हेलिवा पर बहुत दबाव था। केवल हमास के हमले का ही नहीं बल्कि इजरायल पह ईरान के हमले का भी।
बताया जा रहा है कि किसी ने भी इस बात की संभावना नहीं जताई थी कि ईरान 300 मिसाइलें दाग देगा जिनमें बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल होगी।