पूर्व टीएमसी राज्यसभा सांसद सृंजॉय बोस के परिवार से जुड़ी 3 कंपनियों ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में बड़ी रकम दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, इनकी ओर से TMC को 14 किस्तों में 23.30 करोड़ रुपये का दिए गए। जुलाई, 2021 से किस्तों में 1-3 करोड़ रुपये करके पूरी राशि देने की शुरुआती हुई।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सृंजॉय बोस को शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
पिछले महीने चुनाव आयोग की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े जारी किए गए। ममता बनर्जी की पार्टी ने 2021 में विधानसभा चुनाव जीते और यह चुनावी बॉन्ड उसी साल मई में टीएमसी सरकार बनने के तुरंत बाद मिलने शुरू हुए।
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2021 और जुलाई 2023 के बीच इन तीन में से एक कंपनी (रिप्ले एंड कंपनी स्टीवडोरिंग एंड हैंडलिंग प्राइवेट लिमिटेड) ने 11.50 करोड़ रुपये डोनेट किए।
यह राशि 7 किश्तों में टीएमसी को चुनावी बॉन्ड के रूप में दी गई। इससे अलग, कंपनी के एक निदेशक प्रशांत कुमार जायसवाल ने अक्टूबर 2023 से दो किश्तों में ममता बनर्जी सरकार को 4.30 करोड़ रुपये दिए।
कुछ इस प्रकार से दिए गए चुनावी बॉन्ड
जनवरी 2022 में बोस परिवार के मालिकाना वाली दूसरी कंपनी (नेटिनकॉन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड) ने TMC को इलेक्टोरल बॉन्ड दिए। इसने कुल 3 करोड़ रुपये का दान दिया।
हालांकि, रिकॉर्ड से पता चलता है कि 2021-22 में इस कंपनी का नेट प्रॉफिट 22.30 लाख रुपये था। वहीं, तीसरी कंपनी (एरो प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड) ने अक्टूबर 2022 और जुलाई 2023 के बीच चार किश्तों में टीएमसी को चुनावी बॉन्ड दिया।
इसने इस दौरान ममता सरकार को 4.5 करोड़ रुपये डोनेट किए। रिकॉर्ड बताते हैं कि कंपनी ने 2021-22 में 20.19 लाख रुपये का ही लाभ कमाया था।
कंपनी में ये है हिस्सेदारी का खेल
अप्रैल 2019 के बाद से इनमें से किसी भी कंपनी ने TMC के अलावा दूसरी पार्टी को चुनावी बॉन्ड नहीं दिया। RoC रिकॉर्ड के अनुसार, सृंजॉय बोस ने 2010 में रिप्ले के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था।
2014 में उन्होंने 49 प्रतिशत हिस्सेदारी अपनी मां संपा बोस को ट्रांसफर कर दी।
फिलहाल, वह इस कंपनी में स्थायी कर्मचारी के रूप में हैं और उन्हें 1.80 करोड़ रुपये का सालाना वेतन मिलता है।
सृंजॉय के भाई शौमिक बोस (43%), संपा बोस आरएसएचपीएल ट्रस्ट (40%) और प्रशांत जयसवाल (1.66%) की रिप्ले में 85 फीसदी हिस्सेदारी है।
बाकी 15.34 प्रतिशत हिस्सेदारी एनर्जी इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के पास है, जो कि UAE पोस्ट बॉक्स नंबर वाली कंपनी है।