पूर्वी लद्दाख में तैनाती के लिए भारतीय सेना नई डिवीजन बनाने की तैयारी में है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्लान पर लंबे समय से काम चल रहा है, जिसे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर बदलावों की कड़ी के तौर पर इस साल लागू किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, सेना उत्तरी कमान के तहत पूर्वी लद्दाख में तैनाती के लिए 72 डिवीजन को बढ़ाने पर विचार कर रही है, जो पश्चिम बंगाल के पानागढ़ स्थित 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर के तहत काम करता रहा।
मालूम हो कि सेना के एक डिवीजन में करीब 14,000 से 15,000 सैनिक होते हैं। बताया जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में तैनाती के लिए नई भर्ती नहीं की जाएगी, बल्कि मौजूदा संरचनाओं से ही कर्मियों की पोस्टिंग की जाएगी।
स्ट्राइक कोर कॉर्प्स आक्रामक सीमा पार कार्रवाइयों को अंजाम देते रहे हैं। इस समय सेना के पास 4 स्ट्राइक कोर हैं- मथुरा स्थित 1 कोर, अंबाला स्थित 2 कोर, भोपाल स्थित 21 कोर और पानागढ़ में 17 एमएससी। हालांकि, 2021 तक केवल 17 एमएससी चीन पर केंद्रित रहे। बाकी तीन कॉर्प्स का फोकस पाकिस्तान पर रहा।
गलवान झड़प के बाद बड़े पैमाने पर हुए बदलाव
चीन के साथ सैन्य गतिरोध साल 2020 में गलवान झड़प के बाद फिर से बढ़ गया।
इसे देखते हुए चीन के सामने वाले पहाड़ों को लेकर 2 स्ट्राइक कोर रखने के लिए 2021 में नई भर्ती हुई। ड्रैगन के खतरों से निपटने के लिए उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर फोकस करने के लिए 1 कोर व 17 कोर का पुनर्गठन किया गया।
2 इन्फैन्ट्री डिवीजनों के साथ चीन की उत्तरी सीमाओं पर नजर रखने के लिए 1 कोर की भूमिका बढ़ाई गई। वहीं, पूर्वी थिएटर पर ध्यान देने के लिए 17 कोर को एक अतिरिक्त डिवीजन दिया गया।
इतना ही नहीं, चीन के साथ सैन्य गतिरोध के चलते 17 कोर के कुछ तत्वों को पूर्वी लद्दाख में भी तैनात किया गया।