प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
सूर्य व चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने पर चंद्र ग्रहण होता है।
इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। ग्रहण का देश-दुनिया पर शुभ व अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण की घटना शुभ नहीं होती है।
इस वजह से ग्रहण के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। होली पर इस बार 100 वर्षों के बाद चंद्र ग्रहण का संयोग रहेगा। यानी ग्रहण के साए में होली मनाई जाएगी।
होली हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण एवं हिन्दू कैलेंडर वर्ष का अंतिम त्योहार है।
होली पर 25 मार्च को चंद्र ग्रहण का साया रहेगा। ग्रहण को विज्ञान में खगोलीय घटना माना जाता है, लेकिन हिंदू धर्म और ज्योतिष विद्या में ग्रहण को अशुभ माना गया है। चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले ही सूतक लग जाता है।
होली पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव- होली पर चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत में यह चंद्रग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा। ज्योतिषियों के अनुसार होलिका दहन और रंगोत्सव में रंग खेलने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
इस दिन ग्रहण के नियम भी लागू नहीं होंगे और सारे धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं।
साढ़े चार घंटे तक रहेगा चंद्रग्रहण– ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार ये चंद्र ग्रहण 25 मार्च को सुबह 10.23 बजे से शुरू होगा, जो दोपहर 3.02 बजे तक रहेगा।
यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, जिसका पहला स्पर्श काल दिन के 10:24 बजे तक रहेगा। इसके बाद परमग्रास दोपहर 12:43 बजे और उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श काल दोपहर 03:01 बजे रहेगा।
इन देशों में दिखेगा चंद्र ग्रहण– चंद्र ग्रहण अमेरिका, जापान, रूस के कुछ हिस्से, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, जर्मनी, फ्रांस, हॉलैंड, बेल्जियम, दक्षिणी नॉर्वे और स्विट्जरलैंड में दिखाई देगा। भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों में यह नजर नहीं आएगा।