हमास के जारी युद्ध के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
हाल ही में सामने आए एक सर्वे से संकेत मिले हैं कि चुनावों में नेतन्याहू सरकार गंवा सकते हैं। इ
धर, वॉर कैबिनेट मंत्री बैनी गैंट्ज को इजरायल के अगले पीएम के तौर पर भी देखा जने लगा है।
सर्वे में पता चला है कि नेतन्याहू की अगुवाई वाला गठबंधन घटकर 56 सीटों पर आ सकता है। जबकि, संभावनाएं जताई जा रही हैं कि विपक्ष 64 सीटों का आंकड़ा छू सकता है।
इतना ही नहीं खुद नेतन्याहू की लिकुड पार्टी भी 32 सीटों से कम होकर 26 पर आ सकती है। इधर, संकेत मिल रहे हैं कि गैंट्ज की ब्लू एंड वाइट पार्टी 29 सीट हासिल कर सकती ह।
फिलहाल, इजरायल में नेतन्याहू की अगुवाई में गठबंधन सत्तारूढ़ है। अगर गठबंधन नहीं टूटता है, तो 2026 तक देश में आम चुनाव होने की संभावनाएं नहीं हैं।
हमास का खात्मा चाहते हैं नेतन्याहू
नेतन्याहू ने गाजा में जारी युद्ध के 100 दिन पूरे होने के बीच कहा कि इजरायल हमास के खिलाफ जीत मिलने तक युद्ध जारी रखेगा और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) समेत कोई उसे रोक नहीं सकता।
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने दक्षिण अफ्रीका के इन आरोपों को लेकर दो दिन सुनवाई की कि इजरायल फिलिस्तीनियों का जनसंहार कर रहा है।
इजरायल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। नेतन्याहू ने आईसीजे में सुनवाई के बाद यह बयान दिया।
इजरायल पर युद्ध समाप्त करने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। इस युद्ध के दौरान गाजा में 23,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके है।
इजरायल का तर्क है कि युद्ध समाप्त करने का मतलब हमास की जीत होगा। हमास और अन्य आतंकवादियों ने इजरायल में सात अक्टूबर को हमला कर करीब 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे। इसके अलावा 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था।
इनमें से कुछ को रिहा कर दिया गया है, कुछ लोगों की मौत की पुष्टि कर दी गई है और माना जा रहा है कि आधे से अधिक लोग अब भी कैद में हैं। हमास के इसी हमले के बाद इजरायल और हमास के बीच भीषण युद्ध आरंभ हुआ।