छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा ऐप मामले में नितेश टिबरेवाल और अमित अग्रवाल को ED ने गिरफ्तार किया गया है।
इन्होंने दुबई में प्रॉपर्टी खरीदी है। विदेशी कंपनियों में शेयर होल्डर भी हैं। जांच में अब तक ढाई करोड़ रुपए का हिसाब दिखा है।
अमित का भाई अनिल अग्रवाल महादेव ऐप में पार्टनर था। वह दुबई से जो पैसे भेजता था उसे यहां रिसीव करके अमित अपने अकाउंटेंट के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करता था।
ED के वकील सौरभ पांडेय के मुताबिक 1 जनवरी को सप्लीमेंट्री कम्प्लेंट कोर्ट में रखी थी। उसमें अनिल कुमार अग्रवाल को अभियुक्त बनाया था।
अमित अग्रवाल इसी का भाई है। इसकी पत्नी ने अनिल दम्मानी के साथ मिलकर जमीन भी खरीदा है। जांच के लिए ED ने अमित अग्रवाल की रिमांड मांगी थी।
सौरभ पांडेय ने आगे बताया कि गिरफ्तार हुआ दूसरा व्यक्ति नितेश टिबरेवाल, विकास छापरिया नाम के अभियुक्त की विदेशी कंपनियों में शेयर होल्डर था। जब हमने भारत से बाहर उसकी संपत्तियों के बारे में पूछा तो पहले इनकार कर दिया था।
इस केस में आगे बढ़ने और सबूत जुटाने के लिए हमने कोर्ट से इनकी रिमांड की मांग की थी।
कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनी। हमने 14 दिन की रिमांड की मांग की, लेकिन कोर्ट ने हमें 5 दिन की रिमांड मंजूर की है। इन्हें 17 जनवरी को फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सौरभ पांडेय ने कहा कि इन्हें हमने पूछताछ के लिए बुलाया था। जब इनसे पूछताछ की गई तो इनके स्टेटमेंट रिकॉर्ड से अलग थे। वे गुमराह करने वाली जानकारी दे रहे थे।
हमें लगा कि ये बहुत कुछ छिपा रहे हैं। इसके बाद इनसे सघन पूछताछ करने के लिए रिमांड मांगी गई।
मामले से जुड़े अपडेट्स-
बीते दिनों महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल को UAE से भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। ED ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में आवेदन लगाया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इसके बाद UAE की कोर्ट को प्रत्यर्पण संधि के तहत आग्रह पत्र जारी किया गया है।
इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी। ED ने रवि उप्पल के खिलाफ इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। 30 दिन पहले उसे गिरफ्तार किया गया था।
महादेव ऐप का सह-संस्थापक है रवि उप्पल
ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के सह संस्थापक रवि उप्पल को UAE से छत्तीसगढ़ लाने की कार्रवाई पूरी हो गई है। भारत के विदेश मंत्रालय के जरिए UAE दस्तावेज भेजे जाएंगे। रवि उप्पल भारत में वांटेड है।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED महादेव ऐप की जांच कर रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस और मुंबई पुलिस भी जांच में जुटी हैं। ED ने अक्टूबर में रायपुर में PMLA कोर्ट के सामने उप्पल और उसके पार्टनर सौरभ चंद्राकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
ED ने 2 महीने पहले ही मुंबई, कोलकाता और भोपाल में करीब 39 ठिकानों पर छापेमारी कर 417 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। रवि उप्पल अपने साथी सौरभ चंद्राकर के साथ UAE में रह रहा है। केंद्र सरकार ने 1 महीने पहले ही महादेव ऐप समेत 22 ऐप्स और वेबसाइट को बैन किया था।
सौरभ के साथ रवि ने शुरू की थी महादेव बेटिंग ऐप
2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई थी। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया।
वि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था। इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।
सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए।
- पहला: सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया।
- दूसरा: सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।
करीब 4 हजार पैनल ऑपरेटर्स का नेटवर्क
ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के जरिए सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने देश में करीब 4 हजार पैनल ऑपरेटरों का नेटवर्क खड़ा किया था। हर पैनल ऑपरेटर के पास 200 ग्राहक थे, जो सट्टा लगाते थे। कहा जा रहा है कि इस तरह से दोनों रोजाना 200 करोड़ की कमाई कर रहे थे। अपनी इसी काली कमाई से संयुक्त अरब अमीरात में अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया।