रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से तीन स्कूलों में दूर हुई शिक्षकों की कमी…

बगीचा के रायकेरा हाईस्कूल में 6 शिक्षकों को किया गया संलग्न

फोकटपारा और करडेगा प्राथमिक शाला में हुई शिक्षकों की नियुक्ति

छात्रों-अभिभावकों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से जशपुर जिले के तीन स्कूलों में शिक्षकों की कमी से लंबे समय से परेशान बच्चों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिले के इन तीन स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था सुचारू बनाएं रखने के लिए शिक्षकों की त्वरित नियुक्ति कर दी गई है। अभिभावकों ने इस संवेदनशीलता के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताया है।

जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक के रायकेरा गांव के हाईस्कूल में भूगोल, अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, विज्ञान और गणित विषय के शिक्षकों की कमी थी।

स्कूल के छात्रों के अभिभावकों ने समस्या से बगिया स्थित सीएम निवास को अवगत कराते हुए बताया था कि शिक्षकों के ना होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।

अभिभावकों का कहना था कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड परीक्षाओं की समय-सारणी घोषित कर दी है।

ऐसे में शिक्षकों के ना होने से बच्चों का भविष्य बिगड़ने की आशंका बनी हुई है। यह जानकारी जब मुख्यमंत्री साय को मिली तो उन्होंने अभिभावकों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल को रायकेरा स्कूल में शिक्षक की कमी दूर करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर डॉ. मित्तल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस स्कूल में 6 शिक्षकांे को संलग्न करते हुए, सत्रांत तक अध्यापन कार्य पूरा कराने का आदेश दिया।

इसी तरह फरसाबहार के फोकटपारा प्राथमिक शाला में शिक्षक रोशन लाल रावटे को संलग्न किया गया है। दुलदुला ब्लॉक के करडेगा स्कूल की महिला शिक्षक सुश्री अनुपमा किंडों को जिला ग्रंथालय के प्रभार से मुक्त कर वापस मूल संस्था में पदस्थ किया गया है, ताकि करडेगा स्कूल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनने के बाद जिले के कांसाबेल ब्लॉक के बगिया स्थित सीएम निवास में जिले भर से लोग समस्या लेकर पहुंच रहे हैं।

यहां इन समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। बता दें कि मुख्यमंत्री साय ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्राथमिकता से काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिया हैं।

बहरहाल स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होने से छात्र और उनके अभिभावक काफी प्रसन्न हैं।

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