दुर्ग जिले के एक छोटे से गांव कोलिहापुरी के रहने वाले क्रिकेटर राजेंद्र देशमुख भारत की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में चयनित हुए हैं।
वे इंटरनेशनल क्रिकेट (दिव्यांग) मैच में भाग लेने के लिए 21 दिसंबर को दुर्ग से रवाना होंगे। दिव्यांग कैटेगरी से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने वाले छत्तीसगढ़ के पहले खिलाड़ी हैं।
राजेंद्र देशमुख (22) इंटरनेशनल टी-20 मैच खेलेंगे, जिसमें भारतीय टीम का मुकाबला नेपाल के साथ होगा।
राजेंद्र देशमुख पिछले 7 सालों से राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। विभिन्न मैच में उनके ऑल राउंडर परफॉर्मेंस को देखकर डीसीसीबीआई ने उनका चयन अंतरराष्ट्रीय टीम में किया है।
राजेंद्र मूल रूप से बालोद जिले के छोटे से गांव बूढ़ानपुर के रहने वाले हैं।
इससे पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में भिलाई से राजेश चौहान का चयन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में हुआ था। वो छत्तीसगढ़ से अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी थे, लेकिन उनकी कैटेगरी दिव्यांग नहीं थी।
अब राजेंद्र दिव्यांग कैटेगरी से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। राजेंद्र देशमुख की ये उपलब्धि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरवमयी है।
भारत-नेपाल के बीच होने वाले मैच में होंगे प्रतिभागी
क्रिकेटर राजेंद्र देशमुख ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में उनका चयन नासिक में हुए मैच में बेहतर प्रदर्शन के आधार हुआ है, इसलिए अब वो भारत और नेपाल के बीच होने वाले अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट मैच में खेलने जा रहे हैं।
क्रिकेटर राजेंद्र देशमुख ने अपनी इस उपलब्धि के लिए डीसीसीबीआई के अध्यक्ष हारून रसीद और CDAC के अध्यक्ष सलीम को धन्यवाद दिया है।
चाचा के सहयोग से हासिल किया ये मुकाम
राजेंद्र देशमुख ने बताया कि आज वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं, तो उसका श्रेय उनके चाचा मोरध्वज देशमुख को जाता है।
चाचा के सहयोग और उत्साहवर्धन से ही वे यहां तक पहुंचे हैं, साथ ही इंटरनेशनल क्रिकेट में इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय उन्होंने अपने कोच और प्रशिक्षक को भी दिया।