कंगाल होने की दहलीज पर खड़ा पाकिस्तान अब प्रदूषण की भी मार झेल रहा है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए पाकिस्तान में पहली बार कृत्रिम बारिश कराई गई।
धुंध और प्रदूषण से बचने के लिए लाहौर के 10 इलाकों में शनिवार को कृत्रिम बारिश कराई गई। इसके लिए पाकिस्तान ने संयुक्त अरब अमीरात की मदद (यूएई) ली। न्यूज एजेंसी पीटीआई की मानें तो यूएई ने इस मदद के लिए पाकिस्तान से एक भी पैसा नहीं लिया।
लाहौर में कराई गई कृत्रिम बारिश
पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लाहौर के 10 इलाकों में किया गया यह प्रयोग सफल रहा।
उन्होंने कहा, “आज लाहौर के लगभग 10 प्रतिशत क्षेत्रों में ‘क्लाउड सीडिंग’ प्रयोगों के कारण बारिश हुई।” उन्होंने कहा कि ‘क्लाउड सीडिंग’ के लिए कम से कम 48 ‘फ्लेयर’ तैनात किए गए थे। उन्होंने कहा, “15 किलोमीटर के दायरे में 10 इलाकों में हल्की बारिश देखी गई। प्रयोग के नतीजों का और आकलन किया जा रहा है।”
यूएई ने नहीं लिया एक पैसा
बीते दिनों ऐसी खबरें थीं कि पाकिस्तान कृत्रिम बारिश कराने के लिए चीन की मदद ले सकता है, इसके लिए 35 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
मगर यूएई ने पाकिस्तान की तंगहाली पर तरस खाते हुए कृत्रिम बारिश कराने के लिए एक भी पैसा नहीं लिया। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, “कृत्रिम बारिश के लिए एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ।
हालांकि, धुंध से निपटने के लिए सरकार कोई भी उपाय करने को तैयार है।” उन्होंने प्रांतीय राजधानी में धुंध को खत्म करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने में मदद के लिए यूएई सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
पिछले महीने पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया ने बताया था कि पाकिस्तान अपने पंजाब प्रांत के लाहौर में चीन की मदद से कृत्रिम बारिश को लेकर प्रयोग करने की योजना बना रहा है और इस परियोजना पर 35 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। मगर पाकिस्तान को यह कृत्रिम बारिश यूएई की तरफ से गिफ्ट साबित हुई है।