इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को लेकर दुनिया दोफाड़ है।
यही नहीं अमेरिका में भी इसे लेकर बवाल मच गया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए में ही इजरायल को लेकर जो बाइडेन सरकार के स्टैंड पर मतभेद पैदा हो गए हैं।
सीआईए की टॉप एनालिसिस चीफ ने अपने फेसबुक कवर फोटो में फिलिस्तीन के झंडे वाली तस्वीर लगा दी है। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है और इसे जो बाइडेन सरकार के खिलाफ असहमति के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि जो बाइडेन सरकार ने खुलकर इजरायल का समर्थन किया है और गाजा पर हो रहे हमलों को उसने आत्मरक्षा की कार्रवाई बता दिया था।
इसी को लेकर मतभेद दिख रहे हैं। सीआईए की एसोसिएट डिप्टी डायरेक्टर फॉर एनालिसिस उन लोगों में से एक हैं, जो सीआईए के एनालिसिस को मंजूरी देते हैं। उन्होंने इजरायल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध के दो सप्ताह बाद फेसबुक पर अपना कवर फोटो बदल लिया।
इस तस्वीर के साथ उन्होंने फ्री फिलिस्तीन स्लोगन भी लिखा है। इससे पहले उन्होंने ऐंटी-सेमेटिज्म वाले पोस्ट भी किए थे। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सीआईए के एक पूर्व अधिकारी ने बताया, ‘एक सीनियर एनालिटिक मैनेजर ने क्राइसिस के बीच में सार्वजनिक तौर पर राजनीतिक स्टेटमेंट दिया है, जो बेहद गलत फैसला है।’
इसे लेकर अब सीआईए ने चेतावनी भी जारी की है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट गलत है और नियमों का उल्लंघन है। सीआईए की अधिकारी का यह पोस्ट ऐसे समय में आया है, जब जो बाइडेन प्रशासन पर दबाव है कि वह गाजा में युद्ध विराम कराए।
फिलहाल इजरायल और हमास के बीच अस्थायी तौर पर युद्ध विराम है, लेकिन इस पर कायम रहने को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। अब तक गाजा पट्टी में 30 हजार लोग मारे जा चुके हैं।
बाइडेन प्रशासन के 400 अफसरों ने लिखा है गुमनाम लेटर
दरअसल जो बाइडेन प्रशासन के 400 कर्मचारियों ने इसी महीने एक अज्ञात लेटर लिखा था। इसमें राष्ट्रपति से अपील की गई थी कि वे गाजा में तुरंत हिंसा पर रोक लगवाएं।
फिलहाल सरकार की नीति से असहमति जताने वाले लोगों के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। लेकिन यह जरूर तय हुआ है कि सभी कर्मचारियों के साथ सेशन किए जाएंगे। इनमें उनके सुझाव और फीडबैक लिए जाएंगे।
इसे लेकर विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक पत्र भी लिखा था कि और कहा था कि मैं समझता हूं कि यह मसला आप लोगों से निजी तौर पर भी जुड़ा हुआ है। अब तक जो बाइडेन प्रशासन ने सीजफायर से इनकार ही किया है, लेकिन गाजा में मानवीय सहायता के लिए कुछ वक्त के लिए जंग रोकने की बात जरूर कही है।