अब भारत-अमेरिका के रिश्तों का क्या होगा? खालिस्तानी पन्नू के मामले पर क्या बोला वाइट हाउस…

खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों के बीच अमेरिका ने भारत के साथ मजबूत रिश्ते बरकार रखने पर जोर दिया है।

हाल ही में वाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि अमेरिका, भारत का रणनीतिक साझेदार बना रहेगा। खास बात है कि अमेरिका ने एक भारतीय निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप लगाए थे।

वाइट हाउस के अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम आरोपों और जांच को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं।

हम इस बात की खुशी है कि इस मामले की जांच में अपनी तरफ से प्रयास की घोषणा कर भारतीय भी (इसे गंभीरता से ले रहे हैं)। हमारा मत साफ है कि इन कथित आरोपों में शामिल व्यक्ति को हम उचित तरीके से जवाबदेह ठहराया जाए।’

निखिल गुप्ता का मामला
पीटीआई भाषा के अनुसार, अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने एक भारतीय नागरिक पर एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का बुधवार को आरोप लगाया।

दक्षिणी न्यूयॉर्क जिले के अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू जी. ऑलसेन ने कहा कि निखिल गुप्ता (52) के खिलाफ हत्या के लिए सुपारी देने का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि साथ ही गुप्ता पर सुपारी देकर हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है जिसमें भी अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है।

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि गुप्ता ने न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए हत्यारे को एक लाख अमेरिकी डॉलर देने की बात स्वीकार कर ली थी।

आरोपों के अनुसार, ‘नौ जून 2023 या उसके आसपास गुप्ता ने हत्या के लिए सुपारी दी थी, जिसके अग्रिम भुगतान के रूप में उन्होंने न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में हत्यारे को 15 हजार अमेरिकी डॉलर नकद देने के लिए एक सहयोगी की भी व्यवस्था की थी।

आरोप हैं कि गुप्ता कथित तौर पर भारत सरकार के एक अधिकारी के साथ काम करता था। हालांकि, उस अधिकारी का नाम अब तक सामने नहीं आया है। 

भारत की प्रतिक्रिया
इसपर भारत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है और ‘चिंता का विषय’ बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘जहां तक अमेरिकी कोर्ट में एक व्यक्ति के खिलाफ केस की बात है, जहां उसे कथित तौर पर भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है, यह चिंता की बात है।’

साथ ही उन्होंने इसे भारत सरकार की नीतियों के विपरीत बताया है। इसके अलावा भारत आरोपों की जांच के लिए टीम भी गठित कर चुका है। मंत्रालय ने पहले बताया था कि जांच समिति से मिलने वाली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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