बीजेपी, केसीआर और ओवैसी का आपस में चल रहा ‘नाटू-नाटू’, तेलंगाना चुनाव में बोलीं प्रियंका गांधी…

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए एक रैली में बड़ा आरोप लगाया कि राज्य में केसीआर की पार्टी बीआरएस, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम और भाजपा में सियासी साठगांठ चल रही है।

ओवैसी तेलंगाना में कम प्रत्याशी उतारकर केसीआर को मदद कर रहे हैं और दिल्ली में केसीआर भाजपा को समर्थन कर रहे हैं।

केसीआर, ओवैसी और भाजपा तीनों सियासी पिच पर ‘नाटू-नाटू’ कर रहे हैं। प्रियंका ने रैली में कहा कि  आपको यह समझना होगा कि ये तीनों दल एक-दूसरे के लिए काम कर रहे हैं।

तेलंगाना के खानापुर और आसिफाबाद में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा “ओवैसी विभिन्न राज्यों में कई सीटों पर उम्मीदवार उतारकर चुनाव लड़ते हैं, लेकिन वह तेलंगाना में केवल नौ सीटों (कुल 119 में से) से क्यों लड़ रहे हैं?” उन्होंने पूछा, “तेलंगाना में, ओवैसी जी बीआरएस का समर्थन करते हैं। दिल्ली में, बीआरएस भाजपा का समर्थन करती है। तीनों के बीच अच्छी मिलीभगत है।

आप बीजेपी को वोट देते हैं, इसका मतलब है कि आप बीआरएस को वोट दे रहे हैं। आप एमआईएमआईएम को वोट देते हैं, इसका मतलब है कि आप बीआरएस को वोट दे रहे हैं।”

उन्होंने एसएस राजामौली की फिल्म के ऑस्कर विजेता गाने ‘आरआरआर’ का जिक्र करते हुए कहा, बीजेपी, बीआरएस और एआईएमआईएम एक साथ ‘नाटू, नाटू’ कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वह कालेश्वरम सिंचाई परियोजना में बीआरएस सरकार के भ्रष्टाचार, “शराब घोटाले” के बारे में बात नहीं करते हैं, बल्कि ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों को जांच के लिए “कांग्रेस नेताओं के घर” भेजते हैं।  लेकिन, यहां जो घोटाले हुए, जहां से आपका पैसा लूटा गया, उन्होंने न तो उनकी जांच के बारे में बात की और न ही कुछ किया।”

उन्होंने कहा, लेकिन वह तेलंगाना में हो रहे हजारों करोड़ रुपये के घोटालों की जांच नहीं कराते। कांग्रेस नेता ने राज्य में कालेश्वरम सिंचाई परियोजना और मिशन भागीरथ पेयजल परियोजना में घोटाले का आरोप लगाया।

बेरोजगार युवाओं की नहीं फिक्र
प्रियंका ने कहा कि तेलंगाना में 40 लाख युवा बेरोजगार हैं।

 मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव राज्य के युवाओं के लिए नौकरियां पैदा करने में ‘विफल’ रहे हैं। इसके बजाय उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को रोजगार प्रदान किया है। उन्होंने दावा किया कि राव ने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। 

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