इजरायल-हमास जंग में उलझी थी दुनिया, उधर यूक्रेन युद्ध में चीन ने रूस को भेज दिए ब्रह्मास्त्र; जानें- क्या है ATVs …

इस वक्त पूरी दुनिया की नजर इजरायल-हमास युद्ध और खासकर गाजा पट्टी में हो रहे इजरायली हमलों और मानवीय त्रासदी पर टिकी है।

उधर, चीन ने चुपके से यूक्रेन युद्ध में रूस के मदद करने के इरादे से निर्णायक जीत में काम आने वाले ऑल टेरेन व्हीकल्स (ATVs) भेज दिए हैं। चीन के इस कदम में अमेरिकी मीडिया और जो बाइडेन प्रशासन हैरान है।

11 नवंबर, 2023 को जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रोस्तोव-ऑन-डॉन में रूसी दक्षिणी सैन्य जिले के मुख्यालय का दौरा किया तो उन्होंने वहां अन्य कार्यों के अलावा ऑल-टेरेन वाहन (ATV) का भी निरीक्षण किया।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “सुप्रीम कमांडर-इन-चीफ ने सैन्य हार्डवेयर के नए मॉडलों को करीब से देखा है। पुतिन के साथ तब रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु और जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव भी मौजूद थे। इन लोगों ने तब चीनी कंपनी ओडेस इंडस्ट्रीज द्वारा तैयार ऑल-टेरेन वाहन (ATV) डेजर्टक्रॉस 1000-3 का निरीक्षण किया।” 

चीन की मशहूर ओडेस इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड का मुख्यालय शेडोंग में है।

पावर स्पोर्ट्स इंजन और वाहनों के अग्रणी निर्माता के रूप में इस कंपनी के पास 30 साल से ज्यादा का अनुभव है। अपने वाहनों के लिए यह कंपनी  दुनियाभर में मशहूर है। अपनी खूबियों की वजह से चीनी एटीवी रूस के लिए यूक्रेन जंग में ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है।

यूक्रेन युद्ध में ATVs का क्या महत्व
जब पश्चिमी देश यूक्रेन को टैंक, बंदूकें, HIMARS और क्रूज़ मिसाइलें दे रहे हैं, तब रूस को चीन द्वारा दिए गए ATVs कितना मायने रखते हैं। यह सवाल लाजिमी है क्योंकि रूस के पास पहले से ही बड़ी संख्या में और कई किस्म के टैंक, बंदूकें, एमएलआरएस और क्रूज मिसाइलें हैं लेकिन इतने बड़े-बड़े हथियार के बावजूद रूसी सेना के पास अब तक पर्याप्त गतिशीलता की कमी थी। वह पूरे वर्ष सभी इलाकों में गतिशील नहीं हो सकती थी।

चूंकि, टैंक, आर्टिलरी गन और एमएलआरएस गीली जमीन और गहरी मिट्टी में फंस जाते हैं,इसलिए रूसी सेना को ऐसे वाहनों की जरूरत थी, जो इस परिस्थिति में भी उसका पहिया थमने ना दे। चीनी एटीवी इसी तरह का वाहन है, जो हर मौसम में, हर परिस्तिति में किसी भी भू-भाग में जा सकता है।  इतना ही नहीं, उपग्रहों और ऊंची उड़ान वाले ड्रोनों का उपयोग करके कवच और तोपखाने की गतिविधियों को ट्रैक करना आसान है, लेकिन दुश्मनों के लिए चीनी एटीवी का पता लगा पाना बहुत कठिन है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे ही यूक्रेन में पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति कम हो जाएगी, यूक्रेनी सेनाएं ख़त्म हो जाएंगी। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका रसद   ख़त्म हो जाएगा तब युद्ध के मोर्चे पर स्थिरता आ सकती है।  ऐसी स्थिति में दोनों पक्ष अपनी डिफेंस लाइन को और मजबूत करेंगे और तेजी से खाई युद्ध (trench warfare) का सहारा लेंगे। इन परिस्थितियों में, एटीवी गोला-बारूद की सप्लाईसे लेकर सैनिकों के त्वरित परिवहन और घायलों की त्वरित निकासी कर युद्ध के मैदान में अहम हो सकता है। 

रूस ने बदली रणनीति
रूस विदेश से सैन्य हार्डवेयर आयात करने के खिलाफ रहा है, लेकिन यूक्रेन में अपने विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत और उसके परिणामस्वरूप पश्चिम द्वारा उस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद से पुतिन ने लचीलापन दिखाते हुए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। शहीद 131 कामिकेज़ ड्रोन का आयात इसी की एक उदाहरण है। अब चीनी एटीवी का भी आयात किया गया है। यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी वाहन के आयात को स्वयं राष्ट्रपति पुतिन ने मंजूरी दी है। 

डेजर्टक्रॉस 1000-3 की खूबियां
राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान वाहन के बगल में प्रदर्शित प्लेकार्ड के अनुसार, डेजर्टक्रॉस 1000-3 एटीवी को गश्त और टोही अभियानों, छापेमारी और खोज और बचाव कार्यों के साथ-साथ कठिन सड़क और गीली मिट्टी में भी परिवहन योग्य डिज़ाइन किया गया है। इसका वजन 1050 किलोग्राम है। यह अपने पिकअप बेड पर 550 किलोग्राम का भार ले जा सकता है और इसके अलावा 300 किलोग्राम वजन वाले ट्रेलर को भी खींच सकता है।

एटीवी की भार वहन करने की क्षमता रूस-विकसित एएम1 एटीवी की तुलना में 50% अधिक है, जिसे रूसी विशेष बलों द्वारा उपयोग के लिए विकसित किया गया था। AM1 को हथियार ले जाने और माउंट करने के लिए कॉन्फ़िगर किया गया है, भार उठाने के लिए नहीं। हालाँकि, यह 500 किलोग्राम तक वजन वाले ट्रेलर को खींच सकता है। इसमें AK-74, ग्रेनेड लॉन्चर और स्नाइपर राइफल को माउंट करने के लिए एक विशेष रैक है। 

रूस में ATVs की तैनाती
रूस अब तक 537 डेजर्टक्रॉस वाहनों को परिचालन में तैनात कर चुका है। रूसी सेनाएँ ख़ेरसॉन में डेज़र्ट क्रॉस का उपयोग कर रही हैं। सैन्य संवाददाता अलेक्जेंडर कोट्स ने हाल ही में ओडीईएस से ऑल-टेरेन वाहनों का उपयोग करते हुए खेरसॉन दिशा में रूसी सैनिकों के फुटेज साझा किए थे। इसके अलावा, रूस ने एटीवी की 1590 यूनिट का ऑर्डर दिया है। इनमें से 500 यूनिट्स की डिलीवरी दिसंबर 2023 में और 1090 यूनिट्स की डिलीवरी 2024 की पहली तिमाही में की जानी है।

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