फिलिस्तीनी काफिया ओढ़कर सऊदी अरब पहुंचे ईरानी राष्ट्रपति रईसी, इजरायल के खिलाफ बैठक में कौन-कौन पहुंचा…

इजरायल और हमास के बीच जंग लगातार खतरनाक होती जा रही है।

इस युद्ध को एक महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है और हजारों लोग कत्लेआम में मारे जा चुके हैं। हमास के खात्मे की कसम खा चुकी इजरायली सेना गाजा पट्टी पर कहर बरपा रही है।

इससे गाजावासी भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। जिसने मुस्लिम देशों की चिंता बढ़ा दी है। इसलिए आज सऊदी अरब में इस्लामिक-अरब देशों की बैठक होनी है।

इसी के तहत ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी रईसी गाजा पर एक शिखर सम्मेलन के लिए रियाद पहुंचे। सऊदी अरब के सरकारी मीडिया के अनुसार, रईसी का अंदाज साफ था कि वह इजरायल के खिलाफ इस बार कोई फैसला लिए बगैर नहीं निकलेंगे। उन्होंने फिलिस्तीनी काफिया ओढ़ा हुआ था।

बीबीसी के मुताबिक, रईसी का रियाद पहुंचना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 11 साल में पहली बार कोई ईरानी राष्ट्रपति यहां पहुंच रहा है। इजरायल के खिलाफ आज रियाद में होने वाली इस्लामिक-अरब संगठनों की बैठक बेहद अहम है।

रईसी के अलावा मिस्र, सीरिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और कई मुस्लिम देशों के नेता इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। ये देश गाजा पट्टी में कत्लेआम के खिलाफ इजरायल के खिलाफ कड़े कदम चाहते हैं। 

सऊजी अरब के सरकारी चैनल अल-एखबरिया पर फुटेज में ईरानी राष्ट्रपति रईसी को फिलिस्तीनी का पारंपरिक काफिया स्कार्फ पहने हुए देखा गया।

विमान से उतरने के बाद हवाई अड्डे पर सऊदी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। रईसी के अलावा तुर्की, मिस्र, इंडोनेशिया, सीरिया समेत कई मुस्लिम देशों के नेता यहां पहुंचे हैं। ये इस्लामिक-अरब बैठक इजरायल और अमेरिका पर गाजा में सघर्ष विराम करने का दबाव बनाने के लिए आयोजित की गई है।

हमास के 7 अक्टूबर के नरसंहार के बाद से इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकियों के बीच युद्ध में कम से कम 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें अकेले गाजा पट्टी में मौत का आंकड़ा 11 हजार से ज्यादा है। उधर, इजरायल का आरोप है कि हमास ने उसके 239 लोगों को जबरन अपने पास बंधक बनाकर रखा है।

अरब लीग और ओआईसी मूल रूप से इजरायल के खिलाफ अलग-अलग मिलने वाले थे, लेकिन सऊदी अरब की घोषणा के बाद यह बैठक संयुक्त रूप से हो रही है। सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि अरब और इस्लामिक देशों का यह कदम इस बात को दर्शाता है कि इजरायल का गाजा पट्टी पर कत्लेआम अब रुकना चाहिए। ये देश 7 अक्टूबर के बाद इजरायली सेना द्वारा शुरू किए युद्ध के बाद से लगातार संघर्ष विराम का आह्वान कर रहे हैं।

कौन-कौन पहुंचा
रईसी के अलावा तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयेप एर्दोआन, मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल सीसी, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद, जॉर्डन के किंग, फिलस्तीनी प्राधिकरण के प्रमुख महमूद अब्बास और दुनिया भर के प्रमुख मुसलमान नेता शामिल हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो और किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सैडी जापारोव भी इस सम्मेलन में शामिल हैं।

रईसी का क्या कहना है
रियाद के लिए रवाना होने से पहले रईसी ने कहा, “गाजा में युद्ध मशीन अमेरिका की है। अमेरिका ने गाजा में युद्धविराम को रोका है और युद्ध का दायरा बढ़ा रहा है।” कई पश्चिमी सरकारों ने इज़रायल के हमले में “मानवीय विराम” का आह्वान किया है, लेकिन तत्काल युद्धविराम का नहीं। अपनी ओर से, इज़रायल ने भी रुख साफ किया है कि हमास के मिट्टी में मिल जाने तक युद्ध जारी रहेगा। इजरायल ने शर्त रखी है कि पहले हमास को उसके सभी बंधकों को बिना शर्त के छोड़ना होगा।

तुर्की और सऊदी अरब क्या बोला
इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है गाजा में कत्लेआम के लिए इजरायल ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब फिलिस्तीनियों के खिलाफ अपराधों के लिए इजरायल के कब्जाधारियों को ही जिम्मेदार मानता है।

वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा कि गाजा में जो कुछ हो रहा है, उसे बयान नहीं किया जा सकता। हमारे सामने अस्पतालों, धर्मस्थलों और स्कूलों में भी बम फेंके जा रहे हैं। मासूमों का कत्ल किया जा रहा है। हमारी माताओं की गोद में उनके बच्चों की लाशें हैं। पिता अपने कलेजे के टुकड़े को मलबे में तलाश रहा है।

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